केंद्र सरकार ने हाल ही प्याज के बीज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया. इस संबंध में केंद्र सरकार की तरफ से जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि यह यह प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू होगा. बता दें कि देश में प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं. उल्लेखनीय है कि प्याज के निर्यात पर भारत सरकार पहले ही प्रतिबंध लगा चुकी है.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हाल ही में कहा था कि प्याज की बढ़ती महंगाई से ग्राहकों को निजात दिलाने के लिए सरकार एक लाख टन का बफर स्टॉक जारी करने के साथ अलग-अलग कदम उठा रही है. तोमर ने कहा था कि प्याज के दाम बढ़ने का मामला सरकार के संज्ञान में है. हमने समय से पहले ही देश से प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है.
प्याज के बीज के निर्यात पर प्रतिबंध क्यों?
केंद्र सरकार ने घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़ाने के लिए प्याज बीज के निर्यात को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है. इससे पहले, प्याज के बीजों का निर्यात नियंत्रित वस्तु की श्रेणी में शामिल था. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि उपभोक्ताओं को सस्ते दर पर प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इसके बीजों के निर्यात पर रोक लगायी है
किसानों को प्याज के बीज की कमी ना हो, इसलिये उसके निर्यात पर रोक लगा दी गयी है।
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) October 30, 2020
उपभोक्ताओं को किफायती दामों पर प्याज मिले, इसके लिये बफर स्टॉक से राज्य सरकारों को, व Open Market Sale में अभी तक लगभग 36,000 मीट्रिक टन प्याज दिया गया है। pic.twitter.com/8Du9uV8p1W
प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध
केंद्र सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों को काबू में करने के लिए 14 सितंबर को प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. खाद्य मंत्री ने बताया कि सरकार ने प्याज का आयात करना भी शुरू कर दिया है और देश में अब तक 7,000 टन प्याज आ चुका है और दिवाली से पहले 25,000 टन से अधिक पहुंचने की उम्मीद है.
प्याज की औसत खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी
केंद्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में प्याज की औसत खुदरा कीमतों में 21 अक्टूबर तक विविधता देखी गई है जो कि पिछले साल की तुलना में 22.12 फीसदी (45.33 रूपए से 55.60 रुपए प्रति किलो) और पिछले पांच सालों की तुलना में 114.16 फीसदी (25.87 से 55.60 रूपए प्रति किलो) रही है.
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