सरकार ने 5 अक्टूबर, 2020 को सभी राज्यों को लगभग 20,000 करोड़ रुपये का उपकर मुआवजा आवंटित किया है. GST परिषद की 42 वीं बैठक के बाद, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा की.
वित्त मंत्री ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि, केंद्र उन राज्यों को वर्ष 2017-18 के लिए एकीकृत GST की दिशा में 25000 करोड़ रुपये का भुगतान अगले सप्ताह तक करेगा जिन्हें विभिन्न विसंगतियों के कारण कम राशि प्राप्त हुई थी.
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि, GST परिषद ने आगामी 12 अक्टूबर की बैठक तक राज्यों को लंबित GST मुआवजे के हिस्से के भुगतान के तरीके पर फैसला टाल दिया है.
42वीं GST परिषद की बैठक: मुख्य विशेषताएं
इस बैठक में, GST परिषद ने एकीकृत माल और सेवा कर (इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विस टैक्स) के लंबे समय से लंबित मुद्दे को उठाया और विभिन्न कारणों से कम राशि प्राप्त करने वाले सभी राज्यों को 25000 करोड़ रुपये देने का फैसला किया.
इस राजस्व अंतर को पूरा करने के लिए आवश्यक अवधि के लिए भी, GST परिषद ने इस संक्रमण काल से परे मुआवजे के उपकर की अवधि के विस्तार की सिफारिश की है, जोकि जून 2022 से परे हो सकती है.
इसके अलावा, GST पैनल ने राज्यों को दिए गए केंद्र के पहले उधार विकल्प में उधार सीमा को 97,000 करोड़ रुपये के बजाय 1.1 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया है.
GST परिषद की इस बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों ने भाग लिया.
बैठक के बाद, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह कहा कि, लगभग 20 से 21 राज्यों ने केंद्र द्वारा दिए गए दो विकल्पों में से एक को चुना है, जिसने राज्यों को मुआवजे की कमी को पूरा करने के लिए उधार लेने की अनुमति प्रदान की है.
विपक्षी दलों द्वारा संचालित अन्य राज्यों ने किसी भी विकल्प का चयन नहीं किया और वे चाहते थे कि केंद्र इस कमी के लिए उधार ले और भुगतान करे.
केंद्र सरकार के दो उधार विकल्प
केंद्र ने अगस्त के महीने में GST की कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को दो विकल्प दिए थे जब कोविड - 19 महामारी के कारण राजस्व सृजन पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा था. ये दो विकल्प इस प्रकार थे:
- RBI द्वारा सुविधा प्रदत्त विशेष खिड़की से 97,000 करोड़ रुपये का उधार
- बाजार से 2.35 लाख करोड़ रुपये का उधार लेना.
जबकि 21 राज्यों, जिनमें ज्यादातर भाजपा के नेतृत्व वाले राज्य थे या फिर, ऐसे राज्य थे जिन्होंने इसके विकल्पों का समर्थन किया था, ने चालू वित्त वर्ष में GST राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए मध्य-सितंबर तक 97,000 करोड़ रुपये उधार लेने का विकल्प चुना है, राजस्थान, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, दिल्ली, तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी और पंजाब सहित अधिकांश विपक्षी शासित राज्यों ने अभी तक केंद्र द्वारा दिए गए दो उधार विकल्पों में से किसी को भी स्वीकार नहीं किया है.
GST मुआवजा मुद्दा
इस GST मुआवजे के तहत, देश के सभी राज्यों को GST के कार्यान्वयन के कारण राजस्व के किसी भी नुकसान की भरपाई करने की गारंटी दी गई है.
केंद्र के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में राज्यों द्वारा मुआवजे की आवश्यकता 3 लाख करोड़ रुपये होगी, जिसमें से 65,000 करोड़ रुपये GST व्यवस्था के तहत लगाए गए उपकर से मिलने की उम्मीद है. हालांकि, लगभग 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान है.
यह उपकर लगाने के बाद, अगस्त 2019 से राजस्व में कमी के बाद राज्यों को GST मुआवजे का भुगतान एक मुद्दा बन गया है. यह GST मुआवजा भुगतान राशि वर्ष 2018-19 में 69,275 करोड़ रुपये और वर्ष 2017-18 में 41,146 करोड़ रुपये थी.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation