Monkeypox: विश्वभर में कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के खतरे के बाद मंकीपॉक्स की आफत आ गई है. बता दें मंकीपॉक्स का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अब तक कुल 23 देशों में इसके फैलने की बात कही है. इनमें मंकीपॉक्स के अब तक लगभग 257 केस सामने आए हैं, जबकि लगभग 120 संदिग्ध मामले हैं.
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि यह बीमारी सबसे ज्यादा उन देशों में फैल रहा है, जहां यह मुख्यतौर पर नहीं पाई जाती है. यदि मंकीपॉक्स वायरस बच्चों एवं रोगग्रस्त लोगों में फैलता है, तो आगे चलकर यह बहुत भयंकर रूप ले सकता है. बता दें मानव सभ्यता पर अब मंकीपाक्स (Monkeypox) वायरस का खतरा मंडराने लगा है.
सरकार ने जारी की गाइडलाइन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में मंकीपॉक्स (Monkeypox) के प्रबंधन को लेकर राज्यों को दिशा-निर्देश (Guidelines) जारी किए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि आज की समय में भारत में मंकीपॉक्स का कोई केस सामने नहीं आया है. दिशानिर्देशों के मुताबिक, मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति की निगरानी की जाएगी. गाइडलाइंस में कहा गया कि जब किसी संदिग्ध व्यक्ति का पता चले तो उसके सैंपल पुणे स्थित एनआईवी में जांच हेतु भेजे जाएंगे.
संक्रामक अवधि के दौरान किसी रोगी या उनकी दूषित सामग्री के साथ अंतिम संपर्क में आने के बाद 21 दिनों की अवधि हेतु प्रत्येक दिन निगरानी की जानी चाहिए. मंत्रालय ने गाइडलाइन में साफ-साफ कहा है कि मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति की 21 दिनों तक निगरानी की जाएगी.
मंकीपॉक्स वायरस क्या है?
मंकीपॉक्स एक दुर्लभ एवं आमतौर पर हल्के संक्रमण वाला वायरस है. यह मुख्य रूप से अफ्रीका के कुछ हिस्सों में संक्रमित जंगली जानवरों में पाया गया था. पहली बार एक बंदर को साल 1958 में अनुसंधान के लिए रखा गया था जहां पहली बार इस वायरस की खोज हुई थी. वहीं पहली बार इंसानों में इस वायरस की पुष्टि वर्ष 1970 में हुई थी.
मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण
मंकीपॉक्स के लक्षण सामने आने में 5 से 21 दिनों के बीच का समय लगता है. इनमें मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, बुखार, सिरदर्द, कंपकंपी और थकावट शामिल हैं. इन लक्षणों में एक से पांच दिन बाद आमतौर पर चेहरे पर दाने दिखाई देने लगते हैं.
मंकीपॉक्स वायरस कैसे फैलता है?
मंकीपॉक्स वायरस किसी संक्रमित जानवर के काटने से, या उसके खून, शरीर के तरल पदार्थ को छूने से हो सकता है. ऐसा माना जाता है कि मंकीपॉक्स वायरस चूहों, खरगोशों एवं गिलहरियों जैसे जानवरों के काटने से फैलता है. यह वायरस इंसानों में बहुत ही तेजी से फैलता है. एक तरह से कह सकते हैं कि ये बीमारी भी छुआछूत की तरह ही है. बता दें यह वायरस छींकने और खांसने से भी फैल सकता है.
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