केंद्र सरकार ने 18 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत बीमा दावों के निपटान में देरी होने की स्थिति में राज्यों और बीमा कंपनियों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान शामिल करने का फैसला किया है.
नए परिचालन दिशा-निर्देशों में बीमा कंपनियों के आकलन के लिए एक मानक परिचालन प्रक्रिया के साथ-साथ सेवाएं मुहैया कराने में अप्रभावी पाए जाने पर इस योजना से हटाए जाने का विवरण भी दिया गया है. सरकार ने प्रायोगिक आधार पर पीएमएफबीवाई के दायरे में बारहमासी बागवानी फसलों को भी शामिल करने का निर्णय लिया है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए नए दिशानिर्देश:
• यदि कोई बीमा कंपनी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान के दावे का भुगतान करने में देरी करती है तो बीमा कंपनी को मुआवजे पर 12 प्रतिशत ब्याज का भी भुगतान करना होगा.
• बीमा कंपनियों की ओर से अपनी मांग प्रस्तुत करने के लिए निर्धारित अंतिम तिथि के तीन माह बाद सब्सिडी में राज्य का हिस्सा जारी करने पर विलम्ब होने के कारण राज्य सरकारें 12 प्रतिशत ब्याज देंगी.
• प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत किसानों के दावे का निपटारा दो माह के भीतर होगा.
• नए परिचालन दिशा-निर्देशों के अनुसार, जंगली जानवरों के हमले के कारण फसल नुकसान होने की स्थिति में भी बीमा कवर देने को इस योजना में जोड़ा गया है. इसे प्रायोगिक आधार पर क्रियान्वित किया जाएगा.
• लाभार्थियों द्वारा फिर से लाभ उठाने की स्थिति से बचने के लिए ‘आधार’ नंबर को इसमें अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाएगा.
• इस योजना के तहत और ज्यादा संख्या में गैर कर्जदार किसानों का बीमा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विभिन्न जागरूकता गतिविधियां संचालित करने के अलावा बीमा कंपनियों को पिछले संबंधित सीजन की तुलना में 10 प्रतिशत ज्यादा गैर कर्जदार किसानों को नामांकित करने का लक्ष्य भी दिया जाता है.
• बीमा कंपनियों को इस योजना का प्रचार-प्रसार करने और इसके बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रति सीजन प्रति कंपनी सकल प्रीमियम का 0.5 प्रतिशत अनिवार्य रूप से खर्च करना होगा.
• नए परिचालन दिशा-निर्देशों के तहत अनेक कारगर समाधान पेश करने की बदौलत इस योजना के क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों से पार पा लिया गया है.
• बीमा कंपनियों के लिए यह जरूरी नहीं है कि वे अग्रिम सब्सिडी के लिए कोई अनुमान व्यक्त करें. एकमुश्त प्रीमियम सब्सिडी को सीजन के आरंभ में ही जारी कर दिया जाएगा जो भारत सरकार/राज्य की सब्सिडी के रूप में पिछले वर्ष के संबंधित सीजन की सब्सिडी में कुल हिस्सेदारी के 50 प्रतिशत से लेकर 80 प्रतिशत तक पर आधारित होगी.
• अंतिम कारोबारी आंकड़ों पर आधारित पोर्टल पर उपलब्ध समस्त कवरेज डेटा के मिलान के बाद अंतिम किस्त का भुगतान किया जाएगा. इससे किसानों के दावों के निपटान में पहले के मुकाबले कम देरी होगी.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है? |
• किसानों की फसल के संबंध में अनिश्चितताओं को दूर करने के लिये नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट ने 13 जनवरी 2016 को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को मंजूरी दे दी. • यह योजना सभी किसानों के लिए है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसानों की फसल को प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुयी हानि को किसानों के प्रीमियम का भुगतान देकर एक सीमा तक कम करायेगी. • इस योजना के लिये 8,800 करोड़ रुपयों को खर्च किया जायेगा. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत, किसानों को बीमा कम्पनियों द्वारा निश्चित, खरीफ की फसल के लिये 2% प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान करेगा. • इसमें प्राकृतिक आपदाओं के कारण खराब हुई फसल के खिलाफ किसानों द्वारा भुगतान की जाने वाली बीमा की किस्तों को बहुत नीचा रखा गया है, जिनका प्रत्येक स्तर का किसान आसानी से भुगतान कर सके. |
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