पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से जाना जाएगा ग्वालियर-चंबल एक्सप्रेस-वे

Aug 17, 2020, 14:48 IST

राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाला 6 लेन का चंबल एक्सप्रेस-वे (Chambal Expressway) अब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से जाना जाएगा.

Gwalior-Chambal Expressway to be named after Atal Bihari Vajpayee in Hindi
Gwalior-Chambal Expressway to be named after Atal Bihari Vajpayee in Hindi

मध्य प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना चंबल प्रोग्रेस वे का नाम अब अटल बिहारी वाजपेयी चंबल प्रोग्रेस वे होगा. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 16 अगस्त 2020 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दूसरी पुण्यतिथि पर इसकी घोषणा की.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अटल जी की पुण्यतिथि के अवसर पर हमने फैसला किया है कि ग्वालियर-चंबल के विकास को नई दिशा देने वाले चंबल प्रोग्रेस-वे का नाम ''अटल बिहारी वाजपेयी चंबल प्रोग्रेस वे'' होगा. साथ ही भोपाल में उनकी दिव्य और भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी.

मध्य प्रदेश सरकार ने क्या कहा?

राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाला 6 लेन का चंबल एक्सप्रेस-वे (Chambal Expressway) अब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से जाना जाएगा. मध्य प्रदेश सरकार ने यह घोषणा की है.

चंबल प्रोग्रेस-वे प्रोजेक्ट क्या है?

इस एक्सप्रेस-वे का नाम शुरुआत में चंबल एक्सप्रेस-वे था. बाद में इसे चंबल प्रोग्रेस वे नाम दिया गया. प्रस्तावित चंबल एक्सप्रेस-वे चंबल नदी के किनारे-किनारे बनेगा. यह एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के इटावा और राजस्थान के ऐतिहासिक शहर कोटा को मध्य प्रदेश से जोड़ेगा. इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई 404 किलोमीटर होगी, जिसमें 309 किलोमीटर हिस्सा मध्य प्रदेश में, 78 किमी हिस्सा राजस्थान में और 17 किमी हिस्सा उत्तर प्रदेश में होगा. इस परियोजना की अनुमानित लागत 7,532 करोड़ रुपए है.

चंबल एक्सप्रेस-वे से भिंड, मुरैना, श्योपुर जिले के साथ आसपास के पूरे इलाके की तस्वीर बदल जाएगी. क्योंकि एक्सप्रेस-वे के दोनों​ किनारों पर लॉजिस्टिक पार्क, औद्योगिक केंद्र, कृषि उत्पाद केंद्र, खाद्य प्रसंस्करण केंद्र, स्मार्ट सिटी, शिक्षा केंद्र, रिजॉर्ट्स और मनोरंजन केंद्र बनाने का भी प्रस्ताव है. यदि यह प्रोजेक्ट प्लान के हिसाब से ही पूरा किया जाता है तो, इन इलाकों का तेजी से विकास होगा.

अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया

अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया. उन्होंने हिंदी में भाषण दिए. पोकरण में परमाणु परीक्षण होने पर पूरी दुनिया दंग रह गई.

अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर, मध्य प्रदेश में हुआ था. वाजपेयी की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा ग्वालियर के ही विक्टोरिया (अब लक्ष्मीबाई) कॉलेज और कानपुर के डीएवी कॉलेज में हुई थी.

उन्होंने राजनीतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर किया और पत्रकारिता में अपना करियर शुरु किया था. अटल बिहारी वाजपेयी 3 बार देश के प्रधानमंत्री भी रहे थे. अटल बिहारी वाजपेयी कुल 10 बार लोकसभा के सांसद रहे. वहीं वे दो बार वर्ष 1962 और वर्ष 1986 में राज्यसभा के सांसद भी रहें.

वे भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वाले महापुरुषों में से एक हैं. वे वर्ष 1968 से 1973 तक उसके अध्यक्ष भी रहे. वे जीवन भर भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे. उन्होंने अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर प्रारम्भ किया था और देश के सर्वोच्च पद पर पहुँचने तक उस संकल्प को पूरी निष्ठा से निभाया.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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