प्रख्यात लेखक और कवि मंगलेश डबराल का निधन

मंगलेश डबराल समकालीन हिन्दी कवियों में सबसे चर्चित नाम हैं. मंगलेश डबराल मूलरूप से उत्‍तराखंड के निवासी थे. 

Dec 10, 2020, 12:49 IST
Hindi poet Manglesh Dabral passes away at 72 in Hindi
Hindi poet Manglesh Dabral passes away at 72 in Hindi

हिंदी भाषा के प्रख्यात लेखक और कवि मंगलेश डबराल का 09 दिसंबर 2020 को कार्डियक अरेस्ट की वजह से निधन हो गया है. वे 72 वर्ष के थे. उनकी हालत पिछले कुछ दिनों से नाजुक बनी हुई थी. उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली.

मंगलेश डबराल समकालीन हिन्दी कवियों में सबसे चर्चित नाम हैं. मंगलेश डबराल मूलरूप से उत्‍तराखंड के निवासी थे. उनके निधन पर साहित्य जगत से जुड़े कई लोगों ने अपनी संवेदनाएं जताई हैं. साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कवि-लेखक मंगलेश डबराल समकालीन हिंदी के चर्चित कवियों में शुमार थे.

मंगलेश डबराल के बारे में

•    मंगलेश डबराल का जन्म 16 मई 1948 को टिहरी गढ़वाल, उत्तराखण्ड के काफलपानी गांव में हुआ था. मूल रूप से उत्तराखंड के निवासी डबराल जनसंस्कृति मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे.

•    अपनी कविताओं, गद्य और अनुवाद के कारण साहित्य जगत में विशेष पहचान बनाने वाले साहित्य अकादमी से पुरस्कृत इस साहित्यकार के निधन पर लोगों ने गहरा शोक व्यक्त किया है.

•    मंगलेश डबराल समकालीन हिन्दी कवियों में सबसे चर्चित नाम थे. उनकी शिक्षा-दीक्षा देहरादून में हुई. उन्होंने दिल्ली में विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में काम किया.

•    उनकी कविताओं के भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त अंग्रेज़ी, रूसी, जर्मन, डच, स्पेनिश, पुर्तगाली, इतालवी, फ्रांसीसी, पोलिश और बुल्गारियाई भाषाओं में भी अनुवाद प्रकाशित हो चुके हैं. वे कविता के अतिरिक्त साहित्य, सिनेमा, संचार माध्यम और संस्कृति के विषयों पर नियमित लेखन करते थे.

•    मंगलेश डबराल ने लंबे समय तक जनसत्ता के साहित्य पृष्ठ का संपादन किया. वे इससे पहले प्रतिपक्ष, पूर्वग्रह, अमृत प्रभात आदि पत्रिकाओं से जुड़े रहे. वे इस समय नेशनल बुक ट्रस्ट से जुड़े हुए थे.

•    उन्होंने पांच काव्य संग्रह भी लिखें. इनमें पहाड़ पर लालटेन, घर का रास्ता, हम जो देखते हैं आवाज भी एक जगह है और नए युग में शत्रु शामिल हैं. उन्हें कई बड़े अवॉर्ड से भी सम्मानित हो चुके थे.

पुरस्कार-सम्मान

मंगलेश डबराल को साल 2000 में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था. उनके परिवार में पत्नी संयुक्ता, बेटा मोहित तथा बेटी अल्मा हैं. डबराल को साहित्य अकादमी पुरस्कार के अलावा शमशेर सम्मान, स्मृति सम्मान, पहल सम्मान और हिंदी अकादमी दिल्ली के साहित्यकार सम्मान से सम्मानित किया गया था.

प्रसिद्ध रचनाओं में

उनकी प्रसिद्ध रचनाओं में 'पहाड़ पर लालटेन', 'घर का रास्ता', 'नए युग में शत्रु', 'हम जो देखते हैं' आदि शामिल हैं.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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