चिकित्सा सुविधाओ हेतु अस्पतालों में किराए पर लिए जाने वाले कमरे हेतु किया जाने वाला किराया का भुगतान केंद्र सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे से बाहर रखा गया है.
यह स्पष्टीकरण केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड सीबीईसी ने जारी किया. जिसके तहत होटल, गेस्ट हाउस आदि में किराया संबंधी जीएसटी की दरों अक शुल्क निर्धारण किया गया.
होटल आदि में किराए की दरें-
• सीबीईसी के अनुसार होटल, गेस्ट हाउस आदि में लगाये गये वास्तविक शुल्क पर ही जीएसटी लागू किया जाएगा.
• एक हजार रुपये से कम वाले कमरा के किराये पर जीएसटी लागू नहीं होगा.
• एक हजार रुपये से अधिक तथा 2500 रुपये से कम के किराये पर 12 प्रतिशत जीएसटी लागू किया गया है.
• 2500 रुपये से 7500 रुपये तक के किराये पर 18 प्रतिशत जीएसटी निर्धारित किया गाय है.
• 7500 रुपये से अधिक किराया होने पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत होगी.
• यह कर अतिरिक्त बिस्तर के शुल्क समेत पूरी राशि पर लगाये जाएंगे.
मनोरंजन के कार्यक्रमों अथवा स्थान, थीम पार्कों, वाटर पार्कों, जॉय राइड्स, गो कार्टंग, कसिनोज, रेस कोर्स, बैलेट या आईपीएल जैसे खेल कार्यक्रमों में जाने पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी उपभोक्ता द्वार भुगतान किया जाएगा. कसिनो में तथा सट्टा की राशि पर भी 28 प्रतिशत जीएसटी लागू होगा.
हेल्थकेयर को जीएसटी में छूट प्रदान की गई है. अपोलो हास्पीटल्स के चेयरमैन प्रताप सी रेड्डीके अनुसार यदि हेल्थकेयर लागत दो फीसदी तक बढ़ती है तो अस्पताल उसे अपने स्तर पर वहन करने की स्थिति में होंगे, लेकिन उससे अधिक बढोतरी होने पर उसका बोझा मरीजों पर डालने के सिवाए कोई विकल्प नहीं रहेगा.
हॉस्पिटल के लिए जीएसटी में कोई प्रावधान नहीं है, कुछ उत्पादों व कुछ सेवाओं पर 15-18 फीसदी जीएसटी दर का बोझ सीधे हॉस्पिटल पर पड़ेगा. जीएसटी के लागू होने के बाद अस्पतालों के लिए लागत लगभग दो फीसदी अधिक रहेगी.
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