सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) ने आयकर रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख बढ़ाकर 5 अगस्त तक कर दी है. सीबीडीटी ने यह सूचना सार्वजनिक करते हुए कहा कि ई-फाइलिंग के लिए आधार नंबर देना अथवा आधार के लिए आवेदन करने के बाद मिला नंबर देना काफी होगा. इससे पहले अंतिम तिथि 31 जुलाई थी.
ऑनलाइन रिटर्न फाइल करने में असुविधा होने पर विभिन्न कारण हो सकते हैं इसलिए आखिरी समय की दिक्कत से बचने के लिए आप संपूर्ण जानकारी जुटाकर टैक्स फाइल करें तो बेहतर होगा. यदि आप जॉब करते हैं तो ऑफिस से फॉर्म 16 लेना होगा. इसके अतिरिक्त पैन कार्ड, आधार कार्ड आदि नंबर भी अपने पास रख लें. जो लोग पहली बार टैक्स रिटर्न भर रहे हैं अथवा जिन्हें यह चुनौती से कम नहीं लग रहा उनके लिए नीचे दिए गये टिप्स लाभदायक हो सकते हैं.
पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन)
आयकर (इनकम टैक्स) रिटर्न भरने के लिए सबसे पहला कदम आयकर विभाग की वेबसाइट (https://incometaxindiaefiling.gov.in/) पर जाकर पंजीकरण करें. इसके लिए दाईं ओर दिए गये लिंक register yourself पर क्लिक करके जानकारी भरें. आप अपने पैन कार्ड के आधार पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. यहां एक बार पंजीकरण करने के बाद आप इसका विभिन्न कामों के लिए लाभ ले सकते हैं, जैसे आप अपने आयकर का स्टेटस, रिफंड की जानकारी आदि का पता कर सकते हैं.
आयकर फॉर्म की जानकारी
आयकर विभाग द्वारा अलग-अलग आय स्रोत के लिए भिन्न फॉर्म भरे जाने का प्रावधान किया गया है. आईटीआर-1 (सहज) फॉर्म उनके लिए है जिनकी आय मासिक तनख्वाह, पेंशन या अन्य स्रोतों पर आधारित है. यदि यह मासिक आय बैंक से मिलने वाले ब्याज या एक घर के किराए के रूप में है तो इस फार्म द्वारा आयकर भरा जा सकता है.
आईटीआर-2 फॉर्म: यदि तनख्वाह के अलावा एक से अधिक प्रापर्टी, कैपिटल गेन व अन्य स्रोतों जैसे लॉटरी, क्रॉर्सवड पजल, घुडदौड़, गैंबलिंग इत्यादि से आय जुटाई जाती है तो यह फॉर्म भरा जा सकता है. जिन लोगों की आय व्यवसाय से हो वह इस फार्म के जरिए रिटर्न नहीं भर सकते.
आईटीआर-2ए फॉर्म: जिन लोगों की आय तनख्वाह, एक से अधिक प्रॉपर्टी, लॉटरी से आमदनी, सट्टा आदि लगाने से है लेकिन इसमें कैपिटल गेन से की गयी आय शामिल नहीं है. जिन लोगों के पास विदेश में बैंक खाता है या जिन्होंने व्यवसाय से आय अर्जित की है वे इस फॉर्म का उपयोग नहीं कर सकते.
आईटीआर-3 फॉर्म: सहयोगी पार्टनरशिप में काम करने वाले व्यक्ति अथवा पार्टनरशिप फर्म में काम करने वाले लोगों के लिए आईटीआर-3 फॉर्म भरा जाता है. पार्टनरशिप फर्म के अतिरिक्त निजी व्यवसाय के लोग इस फॉर्म को नहीं भर सकते.
आईटीआर-4 फॉर्म: जो व्यक्ति व्यक्तिगत बिज़नेस जैसे डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टेड अकाउंटेंट, वकील, बीमा एजेंट, म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर या छोटे दुकानदार इस फार्म में अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं.
आईटीआर-4एस फॉर्म: ऐसे व्यवसायी या व्यापारी जो अपना व्यापार खाता ठीक से नहीं रखते वह अपना रिटर्न इस फार्म में भर सकते है. यह एक सीमा के नीचे आमदनी वाले व्यापारियों के लिए ही संभव है.
दस्तावेजों की जानकारी
आयकर रिटर्न दाखिल करने से पूर्व फार्म 16 के अतिरिक्त फॉर्म 26एस व बैंक पासबुक की कॉपी भी अपने पास रखें. वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए फॉर्म 16 अनिवार्य है. आमदनी से टैक्स कटने की जानकारी फॉर्म 26एस से प्राप्त होती है. बचत खाते पर मिले ब्याज की जानकारी बैंक खाते की पासबुक से मिलती है. इसलिए फॉर्म भरते समय इन सभी दस्तावेजों को अपने पास रखें.
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