आईसीएमआर द्वारा टीबी मशीनों को मंजूरी: आईसीएमआर ने कोविड – 19 की जांच के लिए ट्रूनैट परीक्षण के उपयोग की सिफारिश की है. वर्तमान में भारत अमेरिका द्वारा अनुशंसित और एफडीए द्वारा अनुमोदित आरटी-पीसीआर (रियल टाइम-पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन) परीक्षण का उपयोग कर रहा है. इसके साथ ही, आईसीएमआर ने भी ट्रूनैट परीक्षण के उपयोग की सिफारिश की है. वर्तमान में ट्रूनैट परीक्षण का उपयोग दवा प्रतिरोधी टीबी का पता लगाने के लिए किया जाता है.
आईसीएमआर ने हाल ही में जेनएक्पर्ट और ट्रूनेट से जांच कराने से जुड़ी सलाह जारी की. सलाह में कहा गया है कि आईसीएमआर यूएस-एफडीए की ओर से स्वीकृत रियल टाइम आरटी-पीसीआर सिस्टम जैसे कि जेनएक्सपर्ट और रोशे सीओबीएएस-6800/8800 का उपयोग कोरोना संक्रमण की जांच के लिए किया जा सकेगा.
ट्रूनेट के बारे में
ट्रूनेट एक बैटरी चालित उपकरण है जिसका इस्तेमाल करने के लिए न्यूनतम प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है. इस उपकरण में चिप-आधारित तकनीक का उपयोग होता है और एक परीक्षण के लिए सिर्फ 60 मिनट का समय लगता है. भारत में सभी जगह ट्रूनेट मशीनें उपलब्ध हैं. ये मशीनें कई बीमारियों के 32 से 48 तक नमूने लेने में सक्षम हैं.
वर्तमान परिवेश
आज भारत में कुल 800 ट्रूनेट मशीनें हैं जिनमें से 457 आंध्र प्रदेश में हैं. इन 800 मशीनों में से लगभग 150 से 200 मशीन दो-तरफ़ा मशीनें हैं जो एक घंटे में 16 से 24 नमूनों को संसाधित करने में सक्षम हैं. ट्रूनैट पर एक परीक्षण की लागत 1000 रुपये से 1500 रुपये तक है. वर्तमान में, भारत किट्स का आयात कर रहा है और स्थानीय स्तर पर इन किट्स का विनिर्माण नहीं हो रहा है.
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