भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोरोनावायरस (Coronavirus) की जांच के लिए निषिद्ध क्षेत्रों और स्वास्थ्य केंद्रों में आरटी-पीसीआर जांच के साथ ही त्वरित एंटीजन जांच किट्स के इस्तेमाल की भी सिफारिश की है जो उसके मुताबिक उच्च सटीकता रखते हैं.
आईसीएमआर ने एक परामर्श में कहा कि यह किट प्रयोगशाला की जांच के बिना ही ज्यादा तेजी से निदान की सुविधा देगी. स्टैंडर्ड क्यू कोविड-19 एजी जांच किट (त्वरित एंटीजन जांच किट्स) सार्स-सीओवी-2 के विशिष्ट एंटीजन की गुणात्मक पहचान का पता लगाने के लिये एक त्वरित क्रोमेटोग्राफिक इम्युनोएस्से (वर्णलेखन से एंटीजन के जरिये प्रोटीन या विशेषताओं की पहचान करना) है.
आईसीएमआर ने क्या कहा
आईसीएमआर ने कहा कि रैपिड एंटीजन जांच द्वारा जिन संदिग्ध व्यक्तियों में कोविड-19 नहीं पाया जाता उनमें बाद में इसकी संभावना को पूरी तरह खत्म करने के लिए आरटी-पीसीआर जांच कराई जानी चाहिए, जबकि जिन लोगों मेंएंटीजन जांच में संक्रमण की बात आ जाती है उन्हें वास्तविक संक्रमित माना जाना चाहिए और उनमें पुन:पुष्टि के लिये आरटी-पीसीआर जांच कराए जाने की जरूरत नहीं है.
आईसीएमआर ने कहा कि इस जांच के नतीजे 15 मिनट में देखे जा सकते हैं और इसके लिये कोई विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं होती. आईसीएमआर ने कहा कि संक्रमित होने या नहीं होने की जानकारी अधिकतम 30 मिनटों में प्राप्त हो जाती है और उसके बाद जांच में इस्तेमाल हुई जांच स्ट्रिप को नष्ट कर दिया जाना चाहिए.
आईसीएमआर का दावा है कि इसके जरिए सिर्फ आधे घंटे में किसी भी टेस्ट का परिणाम पता किया जा सकता है. अभी तक देश में मुख्य तौर पर RT-PCR तकनीक के जरिए ही कोरोना वायरस का सैंपल मापा जाता है. इसके जरिए कुल 3 से 4 घंटे की प्रक्रिया के बाद रिजल्ट आता है, हालांकि ट्रांसपोर्ट के लिए अलग से समय लगता है.
पृष्ठभूमि
बीते दिनों ही सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली सरकार को कम टेस्टिंग करने के लिए फटकार लगी थी. जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच हुई बैठक में टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दिया गया. आंकड़ों के मुताबिक, 15 जून 2020 तक कोरोना के दुनियाभर में 80,18,963 मामले दर्ज किए गए. बीते 20 दिन से दुनिया में हर रोज एक लाख से अधिक मामले सामने आ रहे हैं और तीन से चार हजार के बीच मौत हो रही हैं.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation