नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत और डेनमार्क के बीच सहयोग समझौते को मंजूरी

Apr 17, 2019, 12:27 IST

समझौते में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग से संबद्ध है. इसमें अपतटीय पवन ऊर्जा पर जोर है. साथ ही भारत-डेनमार्क उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की भी बात कही गयी है.

India, Denmark Forge Offshore Wind Alliance
India, Denmark Forge Offshore Wind Alliance

मंत्रिमंडल ने अपतटीय पवन ऊर्जा पर विशेष ध्‍यान के साथ नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय तथा डेनमार्क के ऊर्जा, उपयोग व जलवायु मंत्रालय के बीच रणनीतिक सहयोग समझौते को मंजूरी दी.

यह बैठक प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में हुई. मंत्रिमंडल ने भारत में ‘भारत-डेनमार्क सेंटर ऑफ एक्‍सिलेंस फॉर रिन्‍यूअबल एनर्जी’ की स्‍थापना के आशय-पत्र को भी मंजूरी प्रदान की. दस्‍तावेज़ों पर हस्‍ताक्षर से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूती प्रदान करने में सहायता मिलेगी.

उद्देश्य:

सहयोग समझौते का उद्देश्‍य अपतटीय पवन ऊर्जा पर विशेष ध्‍यान देते हुए नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है.

मुख्य बिंदु:

•   सहयोग के क्षेत्रों में अपतटीय पवन परियोजनाओं के प्रबंधन के लिए तकनीकी क्षमता विकसित करना, उच्‍च कार्यकुशलता के साथ पवन ऊर्जा उद्योग (तटीय व अपतटीय दोनों) को विकसित करने के उपाय, पवन टर्बाइन, कलपुर्जे और प्रमाणीकरण की उच्‍च गुणवत्‍ता सुनिश्चित करने के उपाय तथा अपतटीय पवन के बारे में भविष्‍यवाणी करना व समय-सारणी बनाना आदि शामिल हैं.

•   समझौते में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग से संबद्ध है. इसमें अपतटीय पवन ऊर्जा पर जोर है. साथ ही भारत-डेनमार्क उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की भी बात कही गयी.

•   भारत-डेनमार्क सेंटर ऑफ एक्‍सिलेंस नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों के मूल्‍यांकन का काम करेगा. अपतटीय और तटवर्ती पवन पर विशेष ध्‍यान दिया जायेगा.

•   इसके अतिरिक्‍त यह केन्‍द्र पवन, सौर, जल-विद्युत और भंडारण तकनीक को आपस में जोड़ने, नवीकरणीय ऊर्जा को उच्‍च स्‍तर के पवन ऊर्जा से एकीकृत करने, जांच और अनुसंधान तथा कौशल विकास/क्षमता निर्माण करने पर भी विशेष ध्‍यान देगा.

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भारत और डेनमार्क संबंध:

डेनमार्क भारत के प्रमुख व्‍यापार भागीदारों में से एक है. डेनमार्क से भारत को होने वाले प्रमुख आयातों में औषधीय/फार्मास्‍यूटिकल वस्‍तुएं, विद्युत उत्‍पादन मशीनरी, औद्योगिक मशीनरी, धातु खनिज, ऑर्गेनिक रसायन आदि शामिल हैं. भारत से डेनमार्क को होने वाले निर्यात में सिलेसिलाए कपड़े, वस्‍त्र/फेब्रिक यार्न, सड़क वाहन और घटक, धातु की वस्‍तुएं, लोहा और स्‍टील, जूते और यात्रा वस्‍तुएं शामिल हैं. दोनों देशों के मध्‍य द्विपक्षीय व्‍यापार को बढ़ावा देने और समुद्रीय क्षेत्र में सहयोग और समन्‍वय सुनिश्चित करने के लिए डेनमार्क के साथ द्विपक्षीय समझौता करने का प्रस्‍ताव किया गया है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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