भारत सरकार ने कोविड -19 के आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिए मालदीव सरकार को 250 मिलियन डॉलर का ऋण दिया है. भारतीय उच्चायोग ने इस 20 सितंबर, 2020 को यह खबर साझा की है.
मालदीव के वित्त मंत्री इब्राहिम आमेर, विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद, माले में SBI के CEO भारत मिश्रा और भारतीय उच्चायुक्त संजय सुधीर की उपस्थिति में आयोजित एक कार्यक्रम में यह ऋण दिया गया.
भारत सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलीह द्वारा किये गये वित्तीय सहायता के अनुरोध के जवाब में यह ऋण प्रदान करने का निर्णय लिया है.
मुख्य विशेषताएं
• मालदीव में भारत के उच्चायोग के अनुसार, मालदीव को भारत द्वारा प्रदान की गई यह 250 मिलियन डॉलर की सहायता, मालदीव की अर्थव्यवस्था पर कोविड -19 महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए राजस्व और बजटीय समर्थन के तौर पर प्रदान की गई है.
• इसके तहत, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) मालदीव सरकार द्वारा जारी एक ट्रेजरी बॉन्ड को 10 साल के सुविधाजनक कार्यकाल के लिए अंशदान देगा.
• यह वित्तीय सहायता सबसे बड़ा वित्तीय सहायता पैकेज है जिसे कोविड -19 महामारी के दौरान एक द्विपक्षीय सहभागी द्वारा घोषित किया गया है.
• एस जयशंकर, विदेश मंत्री, भारत सरकार और मालदीव के विदेश मंत्री, अब्दुल्ला शाहिद के बीच वर्ष 2020 की शुरुआत में एक आभासी बैठक के बाद इस ऋण की घोषणा की गई थी.
वित्तीय सहायता प्राप्त करने पर मालदीव सरकार की प्रतिक्रिया
मालदीव के विदेश मंत्री, अब्दुल्ला शाहिद ने भारत द्वारा प्रदान की गई इस वित्तीय सहायता के लिए भारत को धन्यवाद दिया है. उन्होंने हिंदी में भी बात की और कोविड -19 महामारी के कारण उत्पन्न कठिन समय के दौरान भारत को मालदीव का ‘महान मित्र’ कहा है.
एक वीडियो के माध्यम से, उन्होंने यह साझा किया है कि, पूरी दुनिया वर्तमान में एक ऐसी लड़ाई लड़ रही है जिसका सामना उसने पहले कभी नहीं किया. इस महामारी ने कई सरकारों और देशों को अपनी सीमाओं को बंद करने और घरों के भीतर रहने के लिए मजबूर किया है. लेकिन हमारे 'मित्र' ने यह साबित कर दिया है कि, यह महामारी उन्हें अपने दिलों को बंद करने के लिए मजबूर नहीं कर सकती है. इस कठिन समय के दौरान भारत एक महान मित्र रहा है.
अब्दुल्ला शाहिद ने आगे यह भी बताया कि दिसंबर, 2018 में घोषित किए गए इस 1.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर के फाइनेंस पैकेज और सामुदायिक परियोजनाओं के लिए नकद अनुदान के साथ, यह मालदीव को अब तक प्राप्त सबसे बड़ी एकल दाता सहायता होगी.
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