भारत और फ्रांस ने 28 जनवरी, 2021 को सतत विकास के क्षेत्र में आपसी सहयोग को मजबूत करने और वैश्विक पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने के लिए एक पहल शुरू की.
इस भारत - फ्रांसीसी पर्यावरण वर्ष का शुभारंभ फ्रांस की इकोलॉजिकल ट्रांजीशन मंत्री बारबरा पोम्पिली और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा किया गया है. इसके तहत ये दोनों देश पर्यावरण और अन्य क्षेत्रों से जुड़े सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर चर्चा करेंगे.
इस पहल के तहत शामिल कार्यक्रम
भारत और फ़्रांस द्वारा शुरू की गई इस नई पहल के तहत विभिन्न कार्यक्रम पांच मुख्य विषयों पर केंद्रित होंगे:
• जलवायु परिवर्तन
• पर्यावरण संरक्षण
• जैव विविधता संरक्षण
• सतत शहरी विकास
• अक्षय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता का विकास
Launched the #IndoFrench year of Environment with my French counterpart Ms. Barbara Pompili. The Indo-French partnership on Environment, Biodiversity,#Climate Change and other allied areas will set an example for the rest of the world.@barbarapompili @MEAIndia @Indian_Embassy pic.twitter.com/BItaamxUc7
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) January 28, 2021
मुख्य विशेषताएं
• फ्रांस से, भारत - फ्रांसीसी पर्यावरण वर्ष इकोलॉजिकल ट्रांजीशन मंत्रालय के तहत आयोजित किया जाएगा. यह पहल दिल्ली में फ्रांस के दूतावास के समर्थन के साथ-साथ यूरोप और विदेश मंत्रालय के निकट सहयोग से संचालित होगी.
• भारत से, यह पहल विदेश मंत्रालय, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और अन्य संबंधित विभागों के साथ पर्यावरण मंत्रालय द्वारा संचालित की जायेगी.
• भारत - फ्रांसीसी पर्यावरण वर्ष के लिए, विभिन्न कार्यक्रमों के कैलेंडर को अंतिम रूप देने के लिए एक संयुक्त स्क्रीनिंग समिति भी बनाई जाएगी.
• इस पहल की शुरुआत से पहले, भारतीय और फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल के बीच एक बैठक आयोजित की गई थी जहां उन्होंने नीली अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन, जैव-विविधता, एकल उपयोग प्लास्टिक के क्षेत्र में सहयोग, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन आदि मुद्दों पर चर्चा की.
सतत विकास के क्षेत्र में भारत - फ्रांसीसी सहयोग
जलवायु परिवर्तन के प्रति भारत के प्रयासों के बारे में बात करते हुए, पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह बताया कि, देश ने पहले ही उत्सर्जन की तीव्रता में कमी का 26% लक्ष्य हासिल कर लिया है.
उन्होंने आगे बताया कि, वर्ष, 2020 में भारत की अक्षय क्षमता 90 GW रही, जिसमें 38 GW पवन ऊर्जा और 36 GW सौर ऊर्जा शामिल है.
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