इंद्र-2019: भारत और रूस के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू

Dec 13, 2019, 14:00 IST

यह युद्धाभ्यास दस दिन तक चलेगा. इस युद्धाभ्यास में सेना की टुकड़ियां, ट्रान्सपोर्ट एयरक्राफ्ट और नौसेना के जहाज आदि शामिल हैं. दोनों सेनाओं का युद्धाभ्यास गोवा, पुणे और झांसी में भी होगा.

INDRA 2019
INDRA 2019

भारत और रूस की सेनाओं के बीच हाल ही में संयुक्त युद्धाभ्यास ‘इंद्र-2019’ झांसी की बबीना छावनी में शुरू हो गया है. इस संयुक्त युद्धाभ्यास का उद्देश्य आतंक के खिलाफ प्रहार करना है. भारत और रूस की सेना ने ग्लोबल आतंकी खतरों से निपटने हेतु संयुक्त युद्धाभ्यास की शुरुआत की है.

यह युद्धाभ्यास दस दिन तक चलेगा. इस युद्धाभ्यास में सेना की टुकड़ियां, ट्रान्सपोर्ट एयरक्राफ्ट और नौसेना के जहाज आदि शामिल हैं. दोनों सेनाओं का युद्धाभ्यास गोवा, पुणे और झांसी में भी होगा. इस युद्धाभ्यास में दोनों ही देशों की तीनों सेनाएं जल, थल और वायु शामिल हैं. यह युद्धाभ्यास 10 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलेगा.

मुख्य बिंदु:

• इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे से अनुभव और कुशलता साझा करेंगी. युद्ध या आतंक विरोधी कार्रवाई में एक साथ आक्रमण करने तथा सामंजस्य बैठाने का प्रयास करेंगी.

• इस संयुक्त सैन्य अभ्यास में थल सेना की ट्रेनिंग बबीना में हो रही है. नेवी का कार्यक्रम गोवा में और एयरफोर्स का पुणे में युद्धअभ्यास हो रहा है.

• इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों के लगभग 1200 जवानों के साथ टैंक्स, एयरक्राफ्ट, जहाज, हैलीकॉप्टर आदि शामिल हैं.

• इस सैन्य युद्धाभ्यास में भारतीय सेना के तरफ से गार्ड रेजीमेंट की टुकड़ी भाग ले रही है.

• सैन्य युद्धाभ्यास का मुख्य उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के जनादेश के तहत अतंकवाद विरोधी कार्रवाई में सैनिकों को संयुक्त प्रशिक्षण प्रदान करना है.

• सैन्य युद्धाभ्यास- इंद्र 2019 भारत और रूस के बीच बहुत लम्बे समय तक रणनीतिक संबंधों को मजबूत करेगा.

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भारत और रूस के संयुक्त युद्धाभ्यास से फायदा:

• दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे द्वारा उपयोग की जाने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं को समझेंगी.

• यह अभ्यास एक सामान्य लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु दोनों सेनाओं के बीच आपसी समन्वय का एक अच्छा उदाहरण है.

• यह संयुक्त युद्धाभ्यास केवल अपने देश को मदद मांगने वाले के लिए ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों की मदद हेतु भी तैयार रहने को लेकर है.

• यह संयुक्त अभ्यास भविष्य के सैन्य अभ्यासों के लिए पूरी दुनिया में एक मील का पत्थर साबित होगा.

पृष्ठभूमि:

सैन्याभ्यास इंद्र की शुरुआत साल 2003 में हुई थी. यह सैन्याभ्यास अब तक पांच बार रूस में और पांच बार भारत में हो चुका है. यह युद्धाभ्यास तीनों सैन्य इकाईयों के साथ पहली बार साल 2017 में रूस में हुआ था. यह युद्धाभ्यास भारत में इस वर्ष पहली बार हो रहा है.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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