कोलकाता मेट्रो ने इतिहास रचते हुए भारत में पहली बार अंडरवाटर मेट्रो रेल का सफल संचालन किया. इस ट्रायल के दौरान मेट्रो रेल को हुगली नदी के नीचे 520 मीटर की सुरंग से संचालित किया गया.
भारत के मेट्रो इतिहास में यह पहला मौका था जब किसी मेट्रो ट्रेन को अंडर वाटर संचालित किया गया. कोलकाता मेट्रो की शुरुआत के लगभग 40 साल बाद यह अवसर आया है.
वैसे भारत में रेल की शुरुआत लगभग 170 साल पहले ही हो चुकी थी, तब भारत पर अग्रेजों का शासन था. लेकिन भारत ने आज अपने दम पर अंडरवाटर मेट्रो का संचालन कर इतिहास रच दिया है.
India’s first under water Metro trial run takes place from Kolkata’s Esplanade to Howrah Maidan today it will continue for seven months and then the regular service will commence for the passengers. pic.twitter.com/kEwm7Ic0hd
— Syeda Shabana (@ShabanaANI2) April 12, 2023
विशेष क्लब में शामिल हुआ भारत:
मेट्रो के इस ऐतिहासिक संचालन से भारत का कोलकाता शहर लंदन, पेरिस, न्यूयॉर्क, शंघाई और काहिरा जैसे शहरों में शामिल हो गया है जहां इस प्रकार की मेट्रो का संचालन किया जाता है. लंदन में टेम्स नदी के नीचे से मेट्रो ट्रेन का संचालन किया जाता है.
इसके अतिरिक्त फ्रांस की राजधानी पेरिस में सीन नदी के नीचे से मेट्रो ट्रेन को ऑपरेट किया जाता है. उसी प्रकार हडसन नदी के किनारे बसे अमेरिकी शहर न्यूयॉर्क में भी इस तरह की मेट्रो का संचालन किया जाता है.
चीन की औद्योगिक राजधानी कहे जाने वाले शहर शंघाई में भी अंडरवाटर मेट्रो रेल का संचालन किया जाता है. अफ़्रीकी शहर काहिरा में भी इस तरह की मेट्रो का संचालन किया जाता है.
इस साल से शुरू हो सकती है यह सुविधा:
कोलकाता मेट्रो के जीएम उदय कुमार रेड्डी ने बताया कि इस रूट पर मेट्रो सेवाएं इस साल से ही शुरू हो सकती है. इसके शुरू होने के साथ ही हावड़ा मेट्रो स्टेशन देश का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन (लगभग 33 मीटर नीचे) बन जायेगा.
आधा किमी का सफर पानी के अन्दर:
मेट्रो के सफ़र के लिए बनायीं गयी दो टनल इस ईस्ट-वेस्ट मेट्रो का स्पेशल पार्ट है जो यात्रियों को एक अलग अनुभव प्रदान करेगा. सफर के दौरान यात्री लगभग आधा किलोमीटर तक पानी के नीचे से गुजरेंगे जो उनके लिए एक विशेष अनुभव होगा.
27 मिनट में पूरी होगी यात्रा:
इसके संचालन के लिए हुगली नदी के नीचे जुड़वां सुरंगों के निर्माण का कार्य छह साल पहले ही पूरा कर लिया गया था लेकिन भीड़भाड़ वाले बोबाजार इलाके के पास इसके निर्माण के कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.
सियालदह और एस्प्लेनेड के बीच केव-इन जोन में अभी तक चुनौतियों का समाधान नहीं होने के कारण, निर्माणकर्ताओं ने इस साल के अंत से एस्प्लेनेड और हावड़ा मैदान के बीच 4.8 किमी की एक छोटी सेवा संचालित करने की कोशिश में लगे हुए है.
इसके पूर्ण निर्माण के बाद हावड़ा मैदान और सेक्टर V, कोलकाता मेट्रो की ग्रीन लाइन के बीच आवागमन में सिर्फ 27 मिनट का समय लगेगा.
7 महीने तक चलेगा ट्रायल:
मेट्रो रेल के जीएम पी. उदय कुमार रेड्डी ने साथ ही बताया कि इस रूट पर ट्रेनों का नियमित ट्रायल जल्द शुरू कर दिया जायेगा. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि अगले सात महीने तक इस रूट पर मेट्रो का संचालन इसी प्रकार जारी रखा जायेगा, जिसके बाद इसे आम जनता के लिए शुरू किया जायेगा.
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