भारतीय नौसेना के लिए तैयार किये गये चार वाटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट्स (डब्ल्यूजेएफएसी) की कड़ी में आखिरी गश्ती पोत तरासा का 30 जून 2016 को जलावतरण किया गया. इसका निर्माण गार्डेन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई), कोलकाता द्वारा किया गया.
इसका जलावतरण वाइस एडमिरल जयवंत कोर्डे की पत्नी अरुणा कोर्डे द्वारा किया गया. जयवंत कोर्डे नौसेना के संचालन तंत्र के नियंत्रक हैं. यह पोत कार निकोबार श्रेणी का तेज गति से चलने वाला गश्ती पोत का उन्नत संस्करण है.
गश्ती पोत तरासा
• यह पोत अधिकतम 35 नॉट प्रति घंटे अर्थात 64.82 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकता है.
• इसमें उन्नत मशीनरी नियंत्रण प्रणाली के साथ अद्यतन 4000 सीरीज के एमटीयू इंजन लगाए गए हैं.
• इस पोत पर 30 एमएम तोप लगाई जा सकती है.
• आधुनिक संचार उपकरण एवं रडार प्रणाली से यह प्रभावी ढंग से निगरानी कर सकता है.
• आईएनएस तरासा का नामकरण अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के एक द्वीप के नाम पर किया गया.
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