11 फरवरी 2017 को अंतरराष्ट्रीय महिला एवं बालिका विज्ञान दिवस पूरे विश्व में मनाया गया. यह दिन सभी के लिए विज्ञान के क्षेत्र में बालिकाओं और महिलाओं के लिए स्टैंड लेने के अवसर के तौर पर मनाया गया.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहमत हुए विकास लक्ष्यों जिसमें सतत विकास के लिए 2030 का एजेंडा भी शामिल है, को प्राप्त करने हेतु विज्ञान और लैंगिक समानता महत्वपूर्ण हैं.
वर्ष 2016 में, यूनेस्को ने लॉरियल फाउंडेशन के साथ मिलकर 'फॉर वुमेन इन साइंस' नाम से घोषणापत्र जारी किया था. इस घोषणापत्र का उद्देश्य सरकारों और हितधारकों को विज्ञान के क्षेत्र में बालिकाओं और महिलाओं की पूर्ण भागीदारी को प्रोत्साहित करना है. यह युवा महिला वैज्ञानिकों के माध्यम से बालिकाओं और युवा महिलाओँ को उनके करिअर विकास में सहायता की पेशकश करने का प्रस्ताव देता है.
14 देशों में कराए गए अध्ययन से पता चला है कि विज्ञान से जुड़े क्षेत्र में बैचलर्स डिग्री, मास्टर्स डिग्री और डॉक्टर्स डिग्री करने वाली महिला छात्राओं का प्रतिशत क्रमशः 18, 8 और 2 है जबकि पुरुष छात्रों का प्रतिशत क्रमशः 37, 18 और 6 है.
अंतरराष्ट्रीय महिला एवं बालिका विज्ञान दिवस के बारे में
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने ए/आरईएस/ 70/2012 के संकल्प को अपनाया और 11 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय महिला एवं बालिका विज्ञान दिवस के तौर पर मनाए जाने की घोषण की.
यह महिलाओं और बालिकाओं के लिए विज्ञान में पूर्ण पहुंच एवं समानता को प्राप्त करने एवं भागीदारी सुनिश्चित करने और भविष्य में लैंगिक सामनता प्राप्त करने और महिलाओं एवं बालिकाओं को सशक्त बनाना के उद्देश्य से किया गया था.

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