राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 3 मई 2017 को कसीनाधुनी विश्वनाथ को 64वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया.
इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू तथा सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर भी उपस्थित थे.
कसीनाधुनी विश्वनाथ फाल्के पुरस्कार पाने वाले 48वें व्यक्ति हैं. कसीनाधुनी विश्वनाथ को भारतीय सिनेमा के विकास में उनके असाधारण योगदान के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया.
कसीनाधुनी विश्वनाथ के बारे में:
• कसीनाधुनी विश्वनाथ का जन्म 19 फरवरी 1930 को आंध्र प्रदेश में हुआ था.
• विश्वनाथ तेलगु सिनेमा के अतिरिक्त तमिल और हिंदी फिल्मों में भी प्रख्यात शख्सियत हैं.
• विश्वनाथ ने संकरभरनाम, सागर संगमम, स्वाति मुत्याम, सप्तापड़ी, कामचोर, संजोग, जाग उठा इन्सान जैसी पुरस्कार विजेता फिल्मों का निर्देशन किया है.
• उन्हें वर्ष 1992 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
• राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुकी उनकी फिल्म स्वाति मुटायम वर्ष 1987 में सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म की श्रेणी में अकादमी पुरस्कार के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि थी.
• विश्वनाथ ने 50 फिल्मों का निर्देशन किया है, जो अपने जोरदार विषयवस्तु, अच्छी कहानी, अच्छी बनावट एवं सांस्कृतिक प्रामाणिकता के लिए जानी जाती हैं.
• विश्वनाथ को पांच बार राष्ट्रीय पुरस्कार, 20 नंदी पुरस्कार (आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा दिया जाने वाला), और 10 फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया जा चूका है.
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के बारे में:
• दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, भारत सरकार की ओर से दिया जाने वाला एक वार्षिक पुरस्कार है.
• ये पुरस्कार किसी विशेष व्यक्ति को भारतीय सिनेमा में उसके आजीवन योगदान के लिए दिया जाता है.
• यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा की वृद्धि एवं विकास में विशिष्ट योगदान के लिए सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है.
• इस पुरस्कार का प्रारंम्भ दादा साहेब फाल्के के जन्म शताब्दी वर्ष 1969 से हुआ.
• यह पुरस्कार वर्ष के अंत में रास्ट्रीय पुरस्कार के साथ प्रदान किया जाता है.
• इस पुरस्कार मे 10 लाख रुपया और एक शाल प्रदान किया जाता है.
• यह पुरस्कार सिनेमा के क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा पुरस्कार है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation