केरल के सीड फार्म को देश का पहला 'कार्बन न्यूट्रल फार्म' घोषित किया गया, जानें इसके बारें में
India's First Carbon Neutral Farm: केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने केरल के एक सीड फार्म को भारत का पहला कार्बन न्यूट्रल फार्म घोषित किया है. यह सीड फार्म अलुवा के थुरुथु में स्थित है. इस कार्बन न्यूट्रल फार्म की हाइलाइट्स यहाँ पढ़े साथ ही पढ़े कार्बन न्यूट्रैलिटी क्या होती है?

India's First Carbon Neutral Farm: केरल के सीएम पिनाराई विजयन केरल के सीड फॉर्म को भारत का पहला कार्बन न्यूट्रल फार्म घोषित किया है. यह सीड फार्म एर्नाकुलम जिले के अलुवा के थुरुथु में स्थित है. इस तरह के प्रयास से भारत में कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी.
सीएम पिनाराई विजयन ने इस अवसर पर कहा कि कार्बन उत्सर्जन में महत्वपूर्ण कमी ने एग्रीकल्चरल क्षेत्र में कार्बन न्यूट्रल लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है.
साथ ही उन्होंने कहा राज्य खाद्य आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है, साथ ही पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने की योजना भी उतनी ही महत्वपूर्ण है.
#Kerala| Chief Minister @pinarayivijayan declares Ernakulam Aluva Seed Farm as India's first carbon-neutral farm.
— Kerala Government | കേരള സർക്കാർ (@iprdkerala) December 10, 2022
For the last 10 years, no chemical fertilizers or pesticides were used in the farm at any stage of seed production. pic.twitter.com/QHjr2hqm90
कार्बन न्यूट्रल फार्म- हाइलाइट्स:
थुरुथु में स्थित इस फार्म से कार्बन उत्सर्जन की कुल मात्रा 43 टन थी, लेकिन इसकी कुल प्राप्ति 213 टन थी. इस सीड फार्म में, उत्सर्जन दर की तुलना में 170 टन अधिक कार्बन का उत्पादन किया गया. जिसकी मदद से इसे भारत का पहला कार्बन न्यूट्रल फार्म घोषित किया गया है.
कार्बन न्यूट्रल पहल का महत्व:
कार्बन न्यूट्रल पहल की मदद से विश्व स्तर पर देश हमेशा से प्रयासरत रहे है. कार्बन इमिशन को कम करना, क्लाइमेट एक्शन में एक महत्वपूर्ण कदम है. बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग को देखते हुए कार्बन न्यूट्रल पहल आज के समय में काफी महत्वपूर्ण फैक्टर है.
नेट-ज़ीरो वर्ड ग्रीनहाउस गैस इमिशन को कम करने के लक्ष्य को संदर्भित करता है. यह कार्बन सिंक द्वारा हटाए गए और बैलेंसिंग अमाउंट के साथ विभिन्न स्रोतों से एनवायरनमेंट में रिलीज़ अमाउंट को बैलेंस करके ग्लोबल वार्मिंग को नेट जीरो तक पहुंचनें में मदद करता है.
कार्बन इमिशन को लेकर क्या है रोडमैप:
इस अवसर पर, केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने कार्बन इमिशन को कम करने के उद्देश्य से कहा कि कार्बन न्यूट्रल फार्म सभी 140 विधानसभा क्षेत्रों में स्थापित किए जाएंगे.
मुख्यमंत्री ने इस बात की भी जानकारी दी कि केरल में 13 फार्मों को कार्बन न्यूट्रल बनाने के प्रयास पहले ही शुरू कर दिए गए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि 30 प्रतिशत ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन एग्रीकल्चरल से होता है जिसे रोका जा सकता है.
उन्होंने कहा कि कार्बन न्यूट्रल एग्रीकल्चरल पद्धतियों को महिला समूहों के माध्यम से लागू किया जाएगा, साथ ही इस तरह के प्रयास आदिवासी क्षेत्र में भी किए जाएंगे. ऐसे कार्बन न्यूट्रल पद्धतियों की मदद से जलवायु परिवर्तन को भी कंट्रोल किया जा सकता है.
कार्बन न्यूट्रैलिटी (Carbon neutrality):
कार्बन न्यूट्रैलिटी या कार्बन तटस्थता नेट-जीरो कार्बन डाइऑक्साइड इमिशन की स्थिति को कहते है. कार्बन न्यूट्रैलिटी का प्रयोग परिवहन, ऊर्जा उत्पादन, कृषि और उद्योग से जुड़ी कार्बन डाइऑक्साइड रिलीजिंग प्रोसेस के संदर्भ में किया जाता है. कार्बन फुटप्रिंट में अन्य ग्रीनहाउस गैसें भी शामिल होती. क्लाइमेट-न्यूट्रल शब्द, क्लाइमेट चेंज में अन्य ग्रीनहाउस गैसों की व्यापक समावेशिता को दर्शाता है, भले ही इसमें CO2 की मात्रा अघिक हो.
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