लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरावने ने 31 दिसंबर 2019 को सेना प्रमुख का कार्यभार ग्रहण कर लिया. जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने 28वें सेना प्रमुख के तौर पर पदभार संभाला है. वे जनरल बिपिन रावत की जगह लिये. बिपिन रावत का सेना प्रमुख के रूप में कार्यकाल 31 दिसंबर 2019 को समाप्त हो गया.
इससे पहले सेना प्रमुख रहे जनरल बिपिन रावत को भारत का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया है. लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाने इसके पहले आर्मी स्टाफ के उप-प्रमुख थे.
जनरल मनोज मुकुंद नरवाने की नियुक्ति सेना प्रमुख के तौर पर ऐसे समय में हुई है, जब भारत एवं पाकिस्तान के बीच तनाव शीर्ष पर है. सितंबर 2019 में सेना का उप-प्रमुख पद संभालने से पहले लेफ्टिनेंट जनरल नरवाने सेना की पूर्वी कमान का नेतृत्व कर रहे थे. सेना की यह कमान चीन से लगती 4000 किलोमीटर लंबी सीमा की सुरक्षा करती है.
सीडीएस: सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को 30 दिसंबर 2019 को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया है. सीडीएस का काम सेना, नौसेना और वायुसेना के कामकाज में बेहतर तालमेल लाना होगा. उन्होंने 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख का पद संभाला था.
लेफ्टिनेंट जनरल नरवाने को साल 2019 में परम विशिष्ट पदक, साल 2017 में अति विशिष्ट सेवा पदक, साल 2015 में सेना पदक और उनकी सेवाओं के लिए विशिष्ट पदक से सम्मानित किया गया था. इसके अतिरिक्त, उन्हें ऑपरेशन पराक्रम मेडल, विशेष सेवा पदक, सम्मान सेवा पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है. |
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लेफ्टिनेंट जनरल मनोज नरवाने के बारे में
• उन्होंने अपने 37 साल की सेवा में जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में आतंकवाद व उग्रवाद विरोधी अभियानों, शांतिकाल में विभिन्न कमानों का नेतृत्व किया.
• उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन तथा पूर्वी मोर्चे पर इंफैंट्री ब्रिगेड का नेतृत्व भी किया. लेफ्टिनेंट जनरल नरवाने श्रीलंका भेजी गई भारतीय शांति बल का भी हिस्सा थे.
• वे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी के पूर्व छात्र हैं.
• लेफ्टिनेंट जनरल नरवाने 13वें सेना प्रमुख होंगे, जिन्होंने एनडीए से कोर्स किया है.
• उन्हें जून 1980 में सिख लाइट इंफैंट्री रेजीमेंट की 7वीं बटालियन में कमीशन मिला था.
• उन्होंने 01 दिसंबर 2017 से 30 सितंबर 2018 तक जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, सेना प्रशिक्षण कमान के रूप में कार्य किया.
• उन्हें जम्मू-कश्मीर तथा उत्तर-पूर्व क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियानों का लंबा अनुभव है.
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