पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय को स्वच्छ भारत अंतर-मंत्रालयी पुरस्कार प्रदान किया गया. यह पुरस्कार पेयजल एवं स्वच्छता राज्य मंत्री एस.एस. अहलुवालिया ने 2 अक्टूबर, 2017 को गांधी जयंती के अवसर पर स्वच्छ भारत राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में प्रदान किया.
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय को स्वच्छ भारत अंतर-मंत्रालयी पुरस्कार पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय को उसकी तीन वर्षों की गतिविधियों के आधार पर प्रदान किया गया. पेट्रोलियम मंत्रालय के वरिष्ठ सलाहकार ने पुरस्कार ग्रहण किया.
प्रमुख तथ्य-
- पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय स्वच्छता अभियान में अच्छा काम कर रहा है.
- मंत्रालय न केवल इस अभियान में लोगों को शामिल कर रहा है, बल्कि यह प्रयास भी कर रहा है कि स्वच्छता के संबंध में लोगों की मानसिकता को परिवर्तित किया जाए.
- मंत्रालय लेह (जम्मू-कश्मीर) और महानंदपुर (बिहार) में बायो-शौचालयों के निर्माण, भरतनगर (महाराष्ट्र), गांधीगांव (असम) आदि स्थानों में खुले में शौच से मुक्त इलाके विकसित करने का काम कर रहा है.
- इसके अलावा भारतीय पर्वतारोही फाउंडेशन के सहयोग से हिमालय क्षेत्र को स्वच्छ बनाने की गतिविधियां भी संचालित की जा रही है.
- छात्राओं हेतु अलग शौचालयों के अभाव को दूर करने के उद्देश्य से मंत्रालय स्वच्छ विद्यालय अभियान चला रहा है ताकि छात्राएं बीच में पढ़ाई न छोडे.
- अब तक तेल कंपनियों ने 20,187 से अधिक स्कूलों में शौचालय तैयार कर लिए हैं, जिन्हें 5 लाख से अधिक छात्राएं इस्तेमाल कर रही हैं.
- इनके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में 95 प्रतिशत से अधिक शौचालयों का निर्माण पूरा किया जा चुका है.
तेल और गैस कंपनियां धार्मिक और पर्यटन स्थलों की स्वच्छता के लिए भी प्रयासरत हैं. इस संबंध में सर्वश्रेष्ठ महत्वपूर्ण स्थान का पुरस्कार अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को तथा विशेष पुरस्कार माता वैष्णो देवी मंदिर (जम्मू-कश्मीर) और तमिलनाडु के मीनाक्षी मंदिर को प्रदान किया गया. इन स्थानों को क्रमश: एचपीसीएल, आईओसीएल और बीपीसीएल ने गोद लिया है.
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