एनएस विश्वनाथन को दोबारा एक साल के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया है. कार्मिक मंत्रालय की ओर से 01 जुलाई 2019 को जारी आदेश के मुताबिक, कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने एनएस विश्वनाथन की एक साल के लिए और डिप्टी गवर्नर पद पर दोबारा नियुक्ति को मंजूरी दे दी है.
आदेश के अनुसार, एनएस विश्वनाथन की नियुक्ति चार जुलाई से प्रभावी होगी. उनका मौजूदा कार्यकाल तीन जुलाई को पूरा हो रहा है. विश्वनाथन के अतिरिक्त इस समय बी पी कानूनगो और एम के जैन केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर हैं.
चौथे डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने पिछले महीने अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही आरबीआई से इस्तीफा दे दिया था. डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य का इस्तीफा मंजूर हो गया है और वह बस जुलाई के आखिर तक रहेंगे. विरल आचार्य ने आरबीआई को पत्र लिखकर सूचित किया था कि निजी कारणों से 23 जुलाई 2019 के बाद वह डिप्टी गवर्नर के अपने कार्यकाल को जारी रखने में असमर्थ हैं.
आरबीआई में होते हैं चार डिप्टी गवर्नर |
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) में चार डिप्टी गवर्नर होते हैं. सरकार इनकी नियुक्ति गवर्नर की राय को अहमियत देते हुए करती है. परंपरा के अनुसार, चार डिप्टी गवर्नर में से दो केंद्रीय बैंक के ही अधिकारी होते हैं. एक डिप्टी गवर्नर कमर्शियल बैंकिंग क्षेत्र से होता है. चौथा डिप्टी गवर्नर कोई जाना माना अर्थशास्त्री होता है. |
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साल 2016 में भी बनाए गए थे डिप्टी गवर्नर
एनएस विश्वनाथन इससे पहले भी 4 जुलाई 2016 को तीन वर्षों की अवधि के लिए आरबीआई डिप्टी गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया था.
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एन एस विश्वनाथन:
• एनएस विश्वनाथन भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर है.
• उन्होंने अप्रैल 2014 से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में एक कार्यकारी निदेशक रहे.
• विश्वनाथन पंजाब नेशनल बैंक के निदेशक भी रह चुके हैं.
• उन्होंने आईएफसीआई लिमिटेड में मुख्य महाप्रबंधक के रूप में भी काम किया है.
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