नासा ने वर्ष 2018 में सूर्य पर अपना पहला रोबोटिक अंतरिक्षयान भेजने की योजना बनाई है.
सोलर प्रोब पल्स मिशन, जो नासा का सूर्य के लिए पहला होगा, से उम्मीद है कि सूर्य के वातावरण की जांच के लिए वह उसके भीतर छह मिलियन किलोमीटर तक जाएगा. पृथ्वी से सूर्य की दूरी करीब 149 मिलियन किलोमीटर है.
गोड्डार्ड स्पेस फ्लाइट सेंट्र में नासा के अनुसंधान वैज्ञानिक एरिक क्रिश्चियन के अनुसार हालांकि अंतरिक्षयान सूर्य की सतह पर पहुंचने में सक्षम नहीं होगा लेकिन वह तीन महत्वपूर्ण प्रश्नों का उत्तर देने के लिए काफी करीब जरूर पहुंचेगा.
• सूर्य की सतह, जिसे फोटोस्फेयर कहा जाता है, वह उसके वातावरण जितना गर्म क्यों नहीं है?
• सौर पवन की गति को कौन बढ़ाता है?
• सूर्य अरक्षित अंतरिक्ष यात्रियों और अंतरिक्षयान के लिए खतरे से भरे उच्च– ऊर्जा वाले कणों कभी– कभी उत्सर्जन क्यों करता है?
प्रश्नों का जवाब देते हुए क्रिश्चियन ने समझाया कि नासा द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, सूर्य के सतह का तापमान सिर्फ 5500 डिग्री सेल्सियस है लेकिन इसके वातावरण का तापमान करीब दो मिलियन डिग्री सेल्सियस है और आम तौर पर आप ताप के स्रोत से जितना दूर जाते हैं, वह उतना ठंडा होता जाता है लेकिन सूर्य के साथ बिल्कुल उल्टा है.
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