India-Central Asia Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 जनवरी 2022 को भारत-मध्य एशिया समिट (India-Central Asia Summit) की पहली बैठक में वर्चुअली हिस्सा लिया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान कहा कि भारत एवं मध्य एशिया देशों के कूटनीतिक रिश्तों ने 30 सार्थक साल पूरे कर लिए हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मध्य एशियाई देशों के साथ भारत के नए रिश्तों की शुरुआत हो रही है. पीएम ने अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर भी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि मध्य एशिया एक एकीकृत और स्थिर विस्तारित पड़ोस के भारत के दृष्टिकोण का केंद्र है.
कनेक्टिविटी और सहयोग पर ध्यान केंद्रित
पीएम ने इस बैठक में एकीकृत तरीके से कनेक्टिविटी और सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए अगले 30 सालों के लिए एक रोडमैप तैयार करने का सुझाव दिया. ये बैठक बहुत ही महत्वपूर्ण रही, क्योंकि इसके लिए भारत एवं मध्य एशियाई देशों के नेताओं ने एक समझौता किया है.
दो साल में एक शिखर सम्मेलन
इस समझौता के तहत हर दो साल में एक शिखर सम्मेलन होगा. अब अगले शिखर सम्मेलन के लिए वर्ष 2024 को चुना गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शिखर सम्मेलन के तीन प्रमुख उद्देश्य हैं. उन्होंने कहा कि पहला यह स्पष्ट करता है कि क्षेत्रीय सुरक्षा और समृद्धि के लिए भारत और मध्य एशिया के बीच आपसी सहयोग आवश्यक है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज की बैठक का दूसरा उद्देश्य हमारे सहयोग को एक प्रभावी ढांचा देना है, जो सभी हितधारकों के बीच नियमित बातचीत हेतु एक मंच की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करेगा. उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन का तीसरा उद्देश्य हमारे सहयोग के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप तैयार करना है, जो उन्हें क्षेत्रीय संपर्क और सहयोग हेतु एक एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने में सक्षम बनाएगा.
भारत-मध्य एशिया संवाद की शुरुआत
विदेश मंत्रियों के स्तर पर भारत-मध्य एशिया संवाद की शुरुआत ने भारत-मध्य एशिया संबंधों को गति प्रदान की है. इस तरह की तीसरी बैठक पिछले साल 18 दिसंबर से 20 दिसंबर, 2021 के बीच नई दिल्ली में हुई थी. विदेश मंत्रालय ने कहा कि पहला भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन मध्य एशियाई देशों के साथ भारत के बढ़ते जुड़ाव का प्रतिबिंब है, जो भारत के 'विस्तारित पड़ोस' का अहम हिस्सा हैं.
इन देशों ने लिया भाग
वर्चुअल कार्यक्रम में कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, उजबेकिस्तान तथा तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपतियों ने भाग लिया. विशेष रूप से प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2015 में सभी मध्य एशियाई देशों की ऐतिहासिक यात्रा की थी. इसके बाद, द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय मंचों पर लगातार उच्च स्तरीय बातचीत हुई है.
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