भारत के 76वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के लाल किले से राष्ट्र को संबोधित किया है। अपने भाषण में, प्रधानमंत्री मोदी ने अगले 25 वर्षों के लिए एक रोडमैप की रूपरेखा तैयार की, जो भारत का 'अमृत काल' होगा और उन लक्ष्यों को भी निर्धारित किया है जिन्हें हासिल किया जाना है क्योंकि देश अपनी स्वतंत्रता के 100 वें वर्ष की ओर बढ़ रहा है। लाल किले की प्राचीर से, पीएम मोदी ने सभी '130 करोड़ भारतीयों' से 5 प्रतिज्ञा लेने का भी आग्रह किया जो देश को प्रगति के मार्ग पर ले जायेंगे और अगले 25 वर्षों के लिए इसके मार्गदर्शक मानचित्र के रूप में काम करेंगे।
इस पावन अवसर पर, प्रधानमंत्री ने कहा कि, न सिर्फ हिन्दुस्तान का हर कोना,लेकिन विश्व के हर कोने में किसी न किसी रूप में भारतीयों के द्वारा या भारत के प्रति अपार प्रेम रखने वालों के द्वारा विश्व के हर कोने में यह हमारा तिरंगा आन-बान-शान के साथ लहरा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि, मैं विश्वभर में फैले हुए भारत प्रेमियों को, भारतीयों को आजादी के इस अमृत महोत्सव की बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
5 'पंचप्रण' (प्रतिज्ञा) प्रत्येक भारतीय को लेना चाहिए:
लाल किले से अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी भारतीयों से भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए 5 प्रतिज्ञा लेने का आग्रह किया है। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों और अन्य अधिकारियों सहित सभी 130 करोड़ भारतीयों से देश को 'अमृत काल' की ओर बढ़ने में मदद करने का आह्वान किया। पीएम मोदी द्वारा प्रस्तावित 5 पंचप्रण (प्रतिज्ञाओं) में शामिल हैं:
- भारत के विकास की आकांक्षा का संकल्प लें
- दासता या औपनिवेशिक मानसिकता के सभी निशान का उन्मूलन
- देश की एतिहासिक विरासत पर गर्वान्वित महसूस करें
- एकता को अपनी शक्ति बनाना
- देश के प्रति अपने कर्तव्यों को पूर्ण करें
भारत का जनमन आकांक्षित जनमन है:
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि भारत का जनमन एक आकांक्षित जनमन है और यह देश की सबसे बड़ी धरोहर है। उन्होंने कहा कि सभी भारतीय एक सकरात्मक बदलाव चाहते हैं और तेजी से प्रगति के पथ पर अग्रसर होना चाहते हैं। भारतीयों की आकांक्षी भावना इस देश के लोगों के आगे बढ़ने की संभावनाओं को दर्शाती है। साथ ही उन्होंने कहा कि देश की प्रगति और विकास को बढ़ावा देना सरकार का कर्तव्य था और नागरिकों को भारत के प्रति अपने कर्तव्यों को पूरा करके उसमें सक्रिय भागीदार बनाना होगा।
पूर्ण स्वतंत्र भारत बनाने के लिए युवाओं का कर्तव्य:
देश के युवाओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत के युवा नागरिकों की देश के प्रति बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. जैसे-जैसे भारत आजादी के 100 वर्ष की ओर बढ़ रहा है, भारत के युवा, जो कल के निर्णय निर्माता होंगे, उन्हें अपने करियर के साथ-साथ देश के भविष्य के निर्माण के दोहरे कर्तव्यों को पूरा करना होगा। जो युवा अपने करियर की दहलीज पर कदम रख रहे हैं, उनसे प्रधानमंत्री ने आह्वान किया कि वे अपने जीवन के अगले 25 वर्ष, 2047 तक 'पूरी तरह से स्वतंत्र भारत' को विकसित बनाने के लिए दें।
विकसित भारत:
15 अगस्त 2022 को पीएम मोदी द्वारा निर्धारित एक और लक्ष्य विकसित भारत यानी विकसित और औद्योगिक भारत पर ध्यान केंद्रित करना है। उन्होंने भारतीयों से, भारत के किसी भी कोने से या हमारे दिलों से उपनिवेशवाद के किसी भी अवशेष को हटाने और देश से दासता (गुलामी) के सभी निशान मिटाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि देश को एक विकसित मानसिकता की दिशा में काम करना होगा और गतिशील विश्व व्यवस्था में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान खोजना होगा।
आत्मानिर्भर भारत:
लाल किले की प्राचीर से,देश के नागरिकों के लिए प्रधानमंत्री मोदी का एक और संदेश आत्मनिर्भरता का था। उन्होंने कहा कि आत्मानिर्भर भारत, सरकारी एजेंडा, सरकारी कार्यक्रम नहीं है। यह समाज का जन आंदोलन है, जिसे हमें आगे बढ़ाना है। उन्होंने निजी क्षेत्र को आत्मानिर्भर भारत की ओर भारत की यात्रा में सक्रिय भागीदार बनने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने सरकारी एजेंसियों और निजी फर्मों से जैविक खेती, हरित रोजगार और अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग आह्वान किया, जिससे भारत आत्मनिर्भरता द्वारा समर्थित अपनी ताकत का विकास कर सके।
साथ ही पीएम मोदी ने 'मेक इन इंडिया' के लिए अपनी प्रतिबद्धता के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की और विश्व स्तर के हथियार और गोला-बारूद विकसित करने की भारत की शक्ति की चर्चा की। उन्होंने ब्रह्मोस मिसाइल, वंदे भारत ट्रेनों के साथ स्वतंत्रता दिवस समारोह में स्वदेशी तोप की शुरुआत की भी सराहना की, जिन्होंने वैश्विक बाजार में अपनी महत्वपूर्ण जगह बनाई है।
जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान-जय अनुसंधान-इनोवेशन:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि, हम बार-बार पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी को याद करते हैं, जय जवान-जय किसान का उनका मंत्र आज भी देश के लिए प्रेरणा है। बाद में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जब विज्ञान कह करके उसमें एक कड़ी जोड़ दी थी और देश ने उसको प्राथमिकता दी थी। लेकिन अब अमृतकाल के लिए एक और अनिवार्यता है और वो है जय अनुसंधान। 'जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान-जय अनुसंधान-इनोवेशन' जो एक नये भारत की क्षमता को परिलक्षित करता है।
200 करोड़ कोविड टीकाकरण:
पीएम मोदी ने महामारी के दौरान देश भर में 200 करोड़ से अधिक लोगों के टीकाकरण की उपलब्धि हासिल करने के लिए भारत और उसके नागरिकों की भी सराहना की है। पीएम ने अपने भाषण में कहा कि "जब दुनिया में टीकों की प्रभावशीलता पर भ्रम की स्थिति थी, तब मेरे देश के लोगों ने आगे कदम बढ़ाया और हमने 200 करोड़ वैक्सीन खुराक देने की उपलब्धि हासिल की, यह हमारे लिए गौरव का क्षण था।
भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद, परिवारवाद का उन्मूलन:
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नागरिकों से देश से भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को खत्म करने का भी आग्रह किया है। अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में, पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को दो प्रमुख चुनौतियों के रूप में उजागर किया है, जो देश को पीछे कर रहे थे और अगर भारत को प्रगति करनी है तो इससे बहुत सख्ती से निपटने की जरूरत है। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर, उन्होंने नागरिकों को आश्वासन दिया कि सरकार उन भ्रष्ट व्यक्तियों को लाने की कोशिश कर रही है जिन्होंने भारत को लूटा और जो उन्होंने लिया उसे वापस लाने का प्रयास कर रही है। भाई-भतीजावाद के मुद्दे पर, उन्होंने नागरिकों से उन प्रतिभाशाली व्यक्तियों को अवसर देने का आग्रह किया, जिनके अन्दर देश की प्रगति की दिशा में काम करने की इच्छा, दूरदर्शिता और जुनून है।
नारी शक्ति:
अपने 15 अगस्त के संबोधन में, पीएम मोदी ने भारत की प्रगति में महिलाओं द्वारा निभाई गई भूमिका की भी सराहना की है। उन्होंने देश के विकास में सक्रिय भागीदार होने के लिए सभी महिला नागरिकों को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे-जैसे भारत अपने अमृत काल में आगे बढ़ेगा, नारी शक्ति, राष्ट्र के विकास और प्रगति का एक प्रमुख स्तंभ होगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीयों के रूप में, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम महिलाओं की गरिमा और सम्मान को बनाये रखे और उन पर कोई आंच न आने दे, साथ ही सभी क्षेत्रों में लैंगिक समानता और महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि पर जोर दें।
डिजिटल इंडिया:
डिजिटल इंडिया को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, डिजिटल इंडिया का जो मूवमेंट चल रहा उससे हम सेमीकंडक्टर और 5G की ओर एक मजबूत कदम बढ़ा रहे हैं, साथ ही हम ऑप्टिकल फाइबर का नेटवर्क बिछा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि ये सिर्फ आधुनिकता की ही पहचान नहीं है, इसके अंदर तीन बड़ी ताकतें समाहित हैं। शिक्षा में आमूल-चूल क्रांति- ये डिजिटल माध्यम से आने वाली है। स्वास्थ्य सेवाओं में आमूल-चूल क्रांति डिजिटल से आने वाली है। किसी जीवन में भी बहुत बड़ा बदलाव डिजिटल से आने वाला है।
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