केंद्र सरकार द्वारा 12 जुलाई 2017 को अर्धसैनिक बलों में कार्यरत चिकित्सा अधिकारियों की सेवानिवृति आयु में वृद्धि करने का निर्णय लिया.
सरकार ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और असम रायफल्स के चिकित्सा अधिकारियों की सेवानिवृत्ति उम्र 60 साल से बढ़ाकर 65 साल करने का निर्णय लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सरकार ने सीएपीएफ और असम रायफल्स के सामान्य ड्यूटी और विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारियों की रिटायरमेंट उम्र पांच साल बढ़ा दी है. सरकार के इस फैसले से विशेषज्ञ और सामान्य चिकित्सा अधिकारी अधिक समय तक अपनी सेवाएं दे सकेंगे.
सरकार का कहना है कि इससे इन क्षेत्रों में मरीजों की बेहतर देखभाल हो सकेगी. केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सी.आई.एस.एफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आई.टी.बी.पी), राष्ट्रीय आपदा राहत बल, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एन.एस.जी) और सशस्त्र सीमा बल (एस.एस.बी) आते हैं.
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केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल
केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) पांच सुरक्षा बलों के नामकरण को संदर्भित करता है. यह भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन कार्यरत है. भारत के सीमा सुरक्षा बल को विश्व का सबसे बड़ा सीमा रक्षक बल माना जाता है जिसका गठन 1 दिसंबर 1965 में हुआ था.
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, क्राउन प्रतिनिधि पुलिस के रूप में 27 जुलाई 1939 को अस्तित्व में आया. भारतीय स्वतंत्रता के बाद यह 28 दिसंबर 1949 को सीआरपीएफ अधिनियम के लागू होने पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल बन गया.
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल का मुख्य कार्य सरकारी कारखानो एवं अन्य सरकारी उपक्रमों को सुरक्षा प्रदान करना है. यह बल देश के विभिन्न महत्वपूर्ण संस्थानों की भी सुरक्षा करता है.
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की स्थापना 24 अक्टूबर 1962 में भारत-तिब्बत सीमा की चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र से रक्षा हेतु की गई थी. यह बल इस सीमा पर काराकोरम दर्रा से लिपुलेख दर्रा और भारत-नेपाल-चीन त्रिसंगम तक 2115 कि॰मी॰ की लंबाई पर फैली सीमा की रक्षा करता है.
(स्रोत: एजेंसी)
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