भारतीय सेना के प्रयोग में आने वाले 48 एमआइ-17 ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टरों के सौदे हेतु भारत ने रूस साथ समझौता की घोषणा की है. इस वर्ष के अंत तक इस महत्वपूर्ण रक्षा सौदे के तहत एमआइ-17 मिलिट्री हेलीकॉप्टर की आपूर्ति किए जाने की तैयारी है. दोनों देशों के अधिकारियों के मध्य वार्ता को अंतिम रूप दिया गया है.
रूसी हथियारों की आपूर्ति करने वाली फर्म रोसोबोरोनेक्सपोर्ट के सीईओ एलेक्जेंडर मिखीव के अनुसार भारत की सेनाएं 300 से ज्यादा एमआइ-8 और एम-17 हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल कर रही हैं.
सैनिकों, हथियारों, अग्नि नियंत्रण, काफिले की सुरक्षा, गश्त और तलाशी व बचाव अभियानों हेतु एमआइ-17 मिलिट्री हेलीकॉप्टरों का भारत की दृष्टि से काफी महत्व है. यह सौदा विभिन्न चरणों की वार्ता से होता हुआ चार-पांच महीने में अंतिम समझौते तक पहुंच जाएगा.
मिखीव के अनुसार एक पूर्व समझौते के तहत वर्ष 2016 में इसी उन्नत श्रेणी के तीन हेलीकॉप्टर भारत को सौंपे. यह हेलीकॉप्टर अपनी श्रेणी के सर्वाधिक उन्नत संस्करण हैं. ये दुनिया के सबसे ज्यादा उन्नत सैन्य हेलीकॉप्टरों में से एक हैं.
इससे पहले रूस ने वर्ष 2008 में भारत को 80 एमआइ-17वी-5 हेलीकॉप्टर देने का समझौता किया. सभी 80 हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति 2011 से 2013 के मध्य कर दी गई.
भारत के साथ हम सुखोई-30 लड़ाकू विमानों के आधुनिकीकरण हेतु भी वार्ता प्रगति में है.
एमआइ-17 मिलिट्री हेलीकॉप्टर के बारे में-
एमआई -17 मिलिट्री हेलीकॉप्टर का रूस के कज़ान और उलान-उडे स्थित दो कारखानों में उत्पादन किया जा रह है. यह पूर्णत: रूस निर्मित हेलीकॉप्टर है. इसे रूसी सेवा में एमआई -8 एम श्रृंखला के रूप में जाना जाता है.
यह एक मध्यम दो टरबाइन परिवहन हेलीकाप्टर है. इसका सशस्त्र संस्करण भी रूस ने तैयार किया है.
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