Russia Ukraine War: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व की शीर्ष मानवाधिकार संस्था से रूस को 07 अप्रैल 2022 को निलंबित कर दिया. अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) से रूस को निलंबित करने के लिए प्रस्ताव पेश किया था.
बता दें कि 193 सदस्यीय महासभा (UNGA) में प्रस्ताव के पक्ष में 93 मत पड़े, जबकि भारत सहित 58 देश अनुपस्थित रहे. ‘मानवाधिकार परिषद में रूसी संघ की सदस्यता के निलंबन अधिकार’ शीर्षक वाले प्रस्ताव के विरुद्ध 24 मत पड़े थे. प्रस्ताव ऐसे में पारित हो गया.
भारत ने नौ बार रूस के खिलाफ मतदान नहीं किया
इससे पहले भी भारत संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ नौ बार मतदान से दूर रहा है. इनमें से दो बार मतदान आज की ही तरह संयुक्त राष्ट्र महासभा में हुआ था. भारत ने अभी तक रूस के विरुद्ध किसी भी प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं की है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से आखिरी बार साल 2011 में लीबिया को निकाला गया था. उस समय लीबिया के खिलाफ प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया था.
रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी
43 दिन से रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है. रूस किसी भी हालत में पीछे हटने को तैयार नहीं है तथा लगातार आक्रामक कार्रवाई कर रहा है. दोनों में से कोई देश झुकने हेतु तैयार नहीं है. रूसी सेनाओं द्वारा यूक्रेन की राजधानी कीव के पास आम लोगों की हत्या करने के आरोपों के वजह से अमेरिका ने उक्त प्रस्ताव पेश किया था.
मतदान से अनुपस्थित देशों में
मतदान से अनुपस्थित देशों में बांग्लादेश, इराक, मलेशिया, दक्षिण अफ्रीका, मालदीव, नेपाल, पकिस्तान, भूटान, ब्राजील, मिस्र, इंडोनेशिया, कतर, सउदी अरब, सिंगापुर, श्रीलंका तथा संयुक्त अरब अमीरात भी शामिल हैं.
टी एस तिरुमूर्ति ने क्या कहा?
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने मतदान के बाद कहा कि भारत ने आज महासभा में रूसी महासंघ को मानवाधिकार परिषद से निलंबित करने से संबधित प्रस्ताव पर मतदान में भाग नहीं लिया. हमने तर्कसंगत एवं प्रक्रिया सम्मत कारणों से यह किया. संयुक्त राष्ट्र में भारत ने कहा कि मानवाधिकारों की घोषणा के मसौदे से लेकर मानवाधिकारों की रक्षा करने में भारत आगे रहा है.
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