सुप्रीम कोर्ट ने 14 फरवरी 2017 को आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुनवाई करते हुए शशिकला को दोषी पाया है. उन्हें चार वर्ष की सज़ा सुनाई गयी तथा साथ ही 10 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के कारण अब वे मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगी. फैसले के तुरंत बाद शशिकला को सरेंडर करने के लिए कहा गया तथा वे चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगी.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
शशिकला के अतिरिक्त सुधाकरन और इल्वरासी को 4 साल की सज़ा तथा जुर्माना लगाया गया है. जयललिता का निधन होने पर उनका मामला खत्म कर दिया गया है. शशिकला के पास केवल पुर्नविचार याचिका दायर करने का विकल्प शेष है.
पृष्ठभूमि
जयललिता के मुख्यमंत्री पद पर रहने के दौरान 1991-1996 के बीच उन पर 66 करोड़ की आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया था. निचली अदालत में दायर हुए इस मामले में जयललिता और शशिकला को दोषी पाया गया था. लेकिन कर्नाटक हाईकोर्ट में मामला पहुंचने पर हाईकोर्ट ने शशिकला और जयललिता को 2015 में बरी कर दिया था. इसके बाद कर्नाटक सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

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