सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद की नीतियों का विरोध अरब के देश हमेशा से करते आ रहे है. लेकिन इस बार इस कड़ी में एक नई पहल देखने को मिली है. सीरिया के विदेश मंत्री फैसल मेकदाद दशकों बाद सऊदी अरब की यात्रा पर है.
सीरिया की इस पहल को, दमिश्क और रियाद के बीच संबंध बढ़ाने और दोनों अरब देशों के बीच संबंधों की बहाली के रूप में देखा जा रहा है.
यह वर्ष 2011 के बाद किसी सीरियाई विदेश मंत्री का पहला सऊदी अरब दौरा है. इस कदम को सीरिया और सऊदी अरब के बीच संबंधों की बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
#Jeddah | Foreign Minister HH Prince @FaisalbinFarhan receives Syria’s Foreign Minister, H.E. Dr. Faisal Mekdad. 🇸🇦🇸🇾 pic.twitter.com/MIR8dmKmld
— Foreign Ministry 🇸🇦 (@KSAmofaEN) April 12, 2023
सऊदी के आमंत्रण पर हुई यात्रा:
सऊदी और सीरियाई राज्य मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सीरियाई विदेश मंत्री फैसल मेकदाद सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान के आमंत्रण पर जेद्दा (Jeddah) पहुंचे थे.
सऊदी, सीरिया में शांति के लिए है प्रतिबद्ध:
इस सम्बन्ध में सऊदी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि दोनों देश "सीरिया की एकता, सुरक्षा और स्थिरता और सीरिया संकट के राजनीतिक समाधान तक पहुंचने के लिए वार्ता का एक सत्र आयोजित करेंगे"
साथ ही सऊदी अरब "सीरियाई शरणार्थियों की घर वापसी की सुविधा और सीरिया में प्रभावित क्षेत्रों में मानवीय पहुंच सुनिश्चित करने" के लिए भी प्रतिबद्ध है.
सीरिया में युद्ध के बाद यह किसी सीरियाई विदेश मंत्री की पहली सऊदी यात्रा है. युद्ध के दौरान सऊदी अरब ने सीरियाई विपक्ष का समर्थन किया था, लेकिन अब हालात बदल गए है और इसे नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है.
असद ने शुरू की नई पहल:
सीरिया में युद्ध के दौरान सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद को ईरान और रूस का खुला समर्थन प्राप्त था. अल-असद ने इस साल संयुक्त अरब अमीरात और ओमान का दौरा किया है. साथ ही पिछले महीने सऊदी अरब ने भी सीरिया के साथ कांसुलर सेवाओं को फिर से शुरू करने के बारे में बातचीत शुरू कर दी है. इन सकारात्मक पहलों को एक शांति की एक नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है.
सऊदी अरब को भी मिल रही चुनौती:
अगले महीने होने वाले अरब लीग के शिखर सम्मेलन से पहले सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के साथ शुरू की गयी पहल को लेकर, सऊदी अरब को अपने प्रमुख सहयोगियों सहित कुछ अरब देशों से चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अरब अधिकारियों के हवाले से बताया है कि मोरक्को, कुवैत, कतर और यमन सहित अरब लीग के कम से कम पांच सदस्य देश सीरिया को फिर से समूह में शामिल करने के खिलाफ है.
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सऊदी अरब का पारंपरिक साथी मिस्र भी हाल ही में काहिरा में सीरिया और मिस्र के शीर्ष राजनयिकों की बैठक के बावजूद आपत्ति जताई है.
#Jeddah | Vice Minister of Foreign Affairs H.E. @W_Elkhereiji receives Minister of Foreign Affairs and Expatriates of #Syria Dr. Faisal Mekdad, upon his arrival at King Abdulaziz Airport. pic.twitter.com/sqONpx8hXG
— Foreign Ministry 🇸🇦 (@KSAmofaEN) April 12, 2023
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