कांग्रेस पार्टी के पूर्व सांसद और मशहूर शायर बेकल उत्साही का 3 दिसम्बर 2016 को निधन हो गया. वे 88 वर्ष के थे. वे हिंदी, उर्दू और अवधी के अजीम शायर थे. गुलामी के वक्त अपने गीतों की वजह से बेकल उत्साही को कई बार जेल भी जाना पड़ा. उन्होंने अफ्रीका, इंग्लैंड, पाकिस्तान और अमेरिका जैसे देशों का दौरा कई बार किया.
बेकल उत्साही के बारे में:
• बेकल उत्साही का जन्म वर्ष 1928 में उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में हुआ था.
• उन्होंने वर्ष 1952 में विजय बिगुल कौमी गीत और वर्ष 1953 में बेकल रसिया लिखी.
• बेकल उत्साही का असली नाम शफी खान था.
• उन्हें कांग्रेस की ओर से वर्ष 1986 में राज्यसभा का सदस्य बनाया गया था.
• उन्हें वर्ष 1976 में राष्ट्रपति ने पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया.
• उन्होंने गोण्डा हलचल प्रेस, नगमा व तरन्नुम, निशात-ए-जिन्दगी, नूरे यजदां, लहके बगिया महके गीत, पुरवईयां, कोमल मुखड़े बेकल गीत, अपनी धरती चांद का दर्पण जैसी कई किताबें लिखीं.
• उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें यश भारती पुरस्कार से सम्मानित किया.
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