टॉप हिन्दी करेंट अफ़ेयर्स, 19 जून 2020 के अंतर्गत आज के शीर्ष करेंट अफ़ेयर्स को शामिल किया गया है जिसमें मुख्य रूप से भारत-नेपाल सीमा विवाद और कोरोना वायरस आदि शामिल हैं.
भारत करेगा एएफसी महिला एशिया कप 2022 की मेजबानी, जानें विस्तार से
दुनियाभर में खेलों की शुरुआत के बीच भारतीय फुटबॉल के लिए बड़ी खुशखबरी है. यह टूर्नामेंट 42 साल बाद देश में होने जा रहा है. इससे पहले साल 1979 में मेजबान मिली थी, तब भारतीय टीम रनरअप रही थी. इस बात का फैसला एएफसी महिला फुटबॉल समिति की बैठक में किया गया.
एआईएफएफ के लिए ये मेजबानी मनोबल बढ़ाने वाली है क्योंकि उसे फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप की मेजबानी भी सौंपी गयी थी जिसका आयोजन अगले साल होगा. भारत ने साल 2016 में एएफसी अंडर-16 चैम्पियनशिप और साल 2017 में फीफा अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी की थी.
अरुणाचल प्रदेश में खोजी गई नई प्रजाति की मछली
मछली की इस नई प्रजाति को सिकु और सिरुम नदी के जंक्शन से एकत्रित किया गया है जो सियांग जिले के मीबो सर्कल के तहत गकांग क्षेत्र के पास है. यह मछली नदी की तीव्र धारा वाले जलमग्न क्षेत्र में निवास करती रही है.
वर्ष 2019 में, मत्स्य पालन और जलीय पारिस्थितिकी की अनुसंधान टीम, जिसका नेतृत्व राजीव गांधी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डीएन दास ने किया था. उन्होंने अरुणाचल प्रदेश राज्य से मछली की पांच प्रजातियों की खोज की थी.
भारत-नेपाल सीमा विवाद: नेपाल की राष्ट्रपति ने नए नक्शे को अपनी मंजूरी दी
भारत के कड़े विरोध के बावजूद इस नए नक्शे में नेपाल ने तीन भारतीय इलाकों लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपने क्षेत्र के रूप में दर्शाया है. नेपाल के इस कदम से दोनों देशों के सौहार्दपूर्ण संबंधों को बहुत बड़ा झटका लगा है. संसद के उच्च सदन से सर्वसम्मति से पारित बिल पर 18 जून 2020 को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने हस्ताक्षर कर दिए.
इस नक्शे को राष्ट्रीय मान्यता देने के लिए संविधान संशोधन बिल को नेपाली संसद के उच्च सदन ने 18 जून 2020 को इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया. नेशनल एसेंबली के अध्यक्ष गणेश तिमिलसिना ने बताया कि सदन में उपस्थित सभी 57 सदस्यों ने इस बिल के पक्ष में वोट दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा पर लगाई रोक, जानें वजह
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने 18 जून 2020 को इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि जनहित और लोगों की सुरक्षा को देखते हुए इस साल रथ यात्रा की इजाजत नहीं दी जा सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून 2020 को इस संबंध में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगर वो इसके लिए अनुमति देते हैं तो भगवान उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे. भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा कि ये एक गंभीर मामला है और कोर्ट इसके लिए अनुमति नहीं दे सकता.
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