ताजिकिस्तान के साथ अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग के समझौते से मंत्रिमंडल को कराया अवगत
• केंद्रीय मंत्रिमंडल को नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और ताजिकिस्तान के बीच हस्ताक्षरित सहमति पत्र (एमओयू) से अवगत कराया गया. इस एमओयू पर 08 अक्टूबर 2018 को हस्ताक्षर किए गए थे.
• इस एमओयू से आपसी लाभ, समानता एवं पारस्पारिकता के आधार पर नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में द्विपक्षीय तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने हेतु भारत और ताजिकिस्तान के बीच सहयोगात्मक संस्थागत संबंधों के लिए एक ठोस आधार की स्थापना करने का मार्ग प्रशस्त होगा.
• इसके तहत नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और भंडारण प्रौद्योगिकियों के विकास व उपयोग पर फोकस किया जाएगा. इससे विभिन्न उपायों के जरिये दोनों देशों के बीच सहयोग और अधिक बढ़ेगा.
• वैज्ञानिक एवं तकनीकी कर्मियों का आदान-प्रदान एवं प्रशिक्षण, वैज्ञानिक एवं तकनीकी सूचनाओं तथा आंकड़ों का आदान-प्रदान, कार्यशालाओं व संगोष्ठियों का आयोजन एवं कार्य समूहों का गठन, गैर-वाणिज्यिक आधार पर उपकरणों, आवश्यक जानकारियों एवं प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण, पारस्परिक हित वाले विषयों पर संयुक्त अनुसंधान अथवा तकनीकी परियोजनाओं का विकास एवं दोनों ही देशों द्वारा निर्धारित किए गए अन्य तरीके इन विभिन्न उपायों में शामिल हैं.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लापता, शोषित बच्चों को लेकर अमेरिका के साथ समझौते को मंजूरी दी
• केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने लापता और शोषित बच्चों के बारे में ऑन लाइन खबरों तक पहुंचने के लिए भारत और अमरीका के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दे दी है. समझौता ज्ञापन पर भारत की ओर से राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) और अमरीका की ओर से नेशनल सेन्टर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लायटेड चिल्ड्रन (एनसीएमईसी) ने हस्ताक्षर किये.
• समझौता ज्ञापन एनसीएमईसी, अमरीका के पास उपलब्ध एक लाख से अधिक ऑन लाइन रिपोर्टों तक पहुंच और भारत में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अधिकार प्रदान करेगा. इससे बाल अश्लील साहित्य और बच्चों के यौन उत्पीड़न संबंधी सामग्री के बारे में जानकारी के आदान-प्रदान के लिए एक नये तंत्र की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा और अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी.
• यह कानून प्रवर्तन एजेंसियों को बाल अश्लील साहित्य और बच्चों यौन उत्पीड़न संबंधी सामग्री को साइबर स्पेस से हटाने का अधिकार प्रदान करेगा, जिससे मानव प्रतिष्ठा बढ़ेगी. यह अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रन के साथ उपलब्ध एक लाख से अधिक टिपलाइन रिपोर्टों तक पहुंच प्रदान करेगा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सक्षम बनाएगा.
एअर इंडिया, अनुषंगियों के ऋण हस्तांतरण के लिए विशेष उद्देशीय कंपनी के गठन को मंजूरी
• केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एअर इंडिया के 29,464 करोड़ रुपये के ऋण और उसकी चार अनुषंगियों को एक अलग कंपनी के हवाले करने के वास्ते विशेष उद्देश्यीय कंपनी (एसपीवी) ‘एअर इंडिया एसेट्स होल्डिंग’ के गठन को मंजूरी दे दी.
• केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एअर इंडिया और उसकी अनुषंगियों या संयुक्त उपक्रम के विनिवेश के लिए एसपीवी गठन और अन्य सहायक गतिविधियों को पूर्व की तिथि से मंजूरी दे दी है. इस एसपीवी को एअर इंडिया की अनुषंगियों -एअर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सविर्सेस, एयरलाइन एलाइड सर्विसेस, एअर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेस लिमिटेड और होटल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया- का हस्तांतरण किया जाएगा.
• इसके अलावा पेटिंग और कलाकृतियों जैसी गैर-मुख्य परिसंपत्तियां और अन्य गैर-परिचालित परिसंपत्तियां भी इस एसपीवी को हस्तांतरित की जाएंगी. एयर इंडिया की ये अनुषंगियां और परिसंपत्तियां सरकार द्वारा एअर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश का हिस्सा नहीं है. नागर विमानन मंत्रालय ने नयी एसपीवी के गठन के लिए एक आदेश जारी किया था और 22 जनवरी को इस कंपनी का गठन किया जा चुका है.
मंत्रिमंडल ने सीपीएसई/पीएसयू/अन्य सरकारी संगठनों की परिसंपत्ति और अचल शत्रु संपत्ति के वैधानिक मूल्यांकन की प्रक्रिया और व्यवस्था तैयार करने को मंजूरी दी
• केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने रणनीतिक विनिवेश के तहत केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम (सीपीएसई) की चिंहित गैर कमाई वाली संपत्तियों और शत्रु संपत्त्िा अधिनियम, 1968 की धारा 8-ए के सेक्शन IV के अनुसार भारत (सीईपीआई), गृह मंत्रालय को शत्रु संपत्ति संरक्षक का संरक्षण के अंतर्गत अचल शत्रु संपत्त्िा से संबंधित परिसंपत्तियों के वैधानिक मूल्यांकन के लिए संस्थागत व्यवस्था तैयार करने को मंजूरी दे दी है.
• यह व्यवस्था दूसरे सीपीएसई, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम(पीएसयू) और अन्य सरकारी संगठनों एवं घाटे में चल रहे/ बीमारू सीपीएसई की संपत्तियों के संस्थागत मूल्यांकन के लिए भी उपलब्ध होगी. इस बहुस्तरीय संस्थागत व्यवस्था से वैल्पिक प्रक्रिया, सम्पत्ति मूल्यांकन पर सचिवों के महत्वपूर्ण समूह और प्रमुख निर्णायक निकायों के तौर पर अंतर-मंत्रालयी समूह का गठन किया जाएगा.
मंत्रिमंडल ने हरियाणा के मनेथी में नये एम्स की स्थापना को मंजूरी दी
• केन्द्रीय कैबिनेट ने हरियाणा में रेवाड़ी जिले के मनेठी में 1299 करोड़ रुपये की लागत से नये एम्स की स्थापना को मंजूरी दे दी. कैबिनेट ने एम्स में निदेशक के एक पद के सृजन को भी मंजूरी दी. नये एम्स में स्नातक (एमबीबीएस) की 100 और बी एससी (नर्सिंग) की 60 सीटें होंगी. इसमें 15 से 20 सुपर स्पेशियलिटी विभाग होंगे तथा 750 अस्पताल बिस्तर, आईसीयू स्पेशियलिटी और सुपरस्पेशियलिटी बिस्तर होंगे.
• इसके अलावा, एक मेडिकल कॉलेज, आयुष ब्लाक, रैन बसेरा, छात्रावास और आवासीय व्यवस्था सहित अन्य सुविधाएं होंगी. नये एम्स की स्थापना में एम्स नई दिल्ली तथा पीएमएसएसवाई चरण-1 के अंतर्गत शुरू किए गए 6 नये एम्स की तर्ज पर अस्पताल, मेडिकल और नर्सिंग पाठ्यक्रम के लिए शिक्षण ब्लॉक,आवासीय परिसर निर्माण तथा संबंधित सुविधाएं/सेवाएं शामिल हैं.
• इसका उद्देश्य क्षेत्र में ऊपरी तृतीय स्तर की स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा शिक्षा, नर्सिंग शिक्षा और अनुसंधान सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में नया एम्स स्थापित करना है. नये एम्स की स्थापना से न केवल स्वास्थ्य शिक्षा और प्रशिक्षण में परिवर्तन होगा बल्कि क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की कमी की समस्या भी हल होगी.
मंत्रिमंडल ने विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम, 2005 में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने को मंजूरी दी
• केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम, 2005 के अनुच्छेद 2 की उप-धारा (V) के तहत व्यक्ति की परिभाषा को संशोधित कर उसके स्थान पर ट्रस्ट को शामिल करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम, 2005 में संशोधन के लिए अध्यादेश लाए जाने को मंजूरी दे दी है.
• नई व्यवस्था होने से किसी भी ट्रस्ट को विशेष आर्थिक क्षेत्र में इकाई स्थापित करने का अधिकार मिल जाएगा. इसके अलावा केन्द्र सरकार को समय-समय पर अधिसूचना जारी कर अपने हिसाब से किसी भी इकाई को ‘व्यक्ति’ के रूप में परिभाषित करने की सहूलियत भी मिल जाएगी.
• विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) अधिनियम, 2005 के तहत वर्तमान में किसी भी ट्रस्ट को सेज में इकाई लगाने की अनुमति नहीं है. अधिनियम में संशोधन से किसी भी ट्रस्ट को सेज में इकाई खोलने का अधिकार मिल जाएगा. इसके अलावा केन्द्र सरकार समय-समय पर अधिसूचना जारी कर अपने हिसाब से किसी भी इकाई को ‘व्यक्ति’ के रूप में परिभाषित कर सकेगी. इससे विशेष आर्थिक क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा.
केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद (संशेाधन) अध्यादेश 2019 को मंत्रिमंडल की मंजूरी
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद (संशोधन) अध्यादेश, 2019 के मसौदे को मंजूरी दे दी है. इसके तहत केन्द्रीय परिषद के पुनर्गठन की अवधि मौजूदा एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष करने की व्यवस्था है ताकि केन्द्रीय परिषद का कामकाज चलाने के लिए संचालन मंडल का अधिकार और कार्यकाल 17 मई 2019 से एक वर्ष के लिए और बढ़ाया जा सके. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया.
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के मास्टर प्लान को मंत्रिमंडल की मंजूरी
• केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को विश्व स्तरीय मेडिकल विश्वविद्यालय बनाने के मास्टर प्लान को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है. नए मास्टर प्लान के तहत अगले बीस वर्षों के लिए पुनर्विकास के जरिए एम्स को पर्याप्त जगह उपलब्ध कराने और भूमि के इस्तेमाल को पुनर्नियोजित करके संस्थान की आधारभूत संरचना के अधिकतम इस्तेमाल की व्यवस्था की गई है.
• एम्स की आधारभूत संरचना को पुनर्विकसित करने का प्रस्ताव किया गया है. इसके लिए एम्स के पूर्वी अंसारी नगर स्थित मुख्य परिसर में रोगियों के उपचार, प्रशिक्षण, अनुसंधान, प्रशासन और सहायक सेवाओं को एक जगह समाहित करने के साथ ही मुख्य परिसर से आवासीय सुविधाओं को न्यू राज नगर स्थित ट्रामा सेंटर एक्सटेंशन परिसर में स्थानांतरित करने की व्यवस्था की गई है.
• प्रस्तावित परियोजना से रोगियों को विश्व स्तरीय और अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त हो सकेगे। इसके साथ ही उन्हें नैदानिक, फिजियोथैरेपी और पुनर्वास जैसी अन्य सुविधाएं भी आसानी से उपलब्ध हो पाएंगी. इससे रोगियों के लिए परिसर में एक स्थान से दूसरे स्थान पर आना-जाना आसान हो जाएगा. एक ही परिसर में सारी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होने से एम्स रोगियों के लिए उपचार, चिकित्सा अनुसंधान, नैदानिक और प्रबंधन सेवाओं के क्षेत्र में एक उत्कृष्ट केन्द्र के रूप में अपनी पहचान बना सकेगा.
चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट में रणनीतिक विनिवेश करने की सैद्धांतिक मंजूरी
• प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने ‘आर्म्स लेंग्थ’ (लेनदेन की दोनों पार्टिया समान और स्वतंत्र हैं) सिद्धांत का अनुपालन करते हुए एकल चरण प्रक्रिया में कमराजार पोर्ट लिमिटेड (केपीएल) में भारत सरकार के 100 प्रतिशत इक्विटी शेयरों का चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट (सीएचपीटी) में रणनीतिक विनिवेश करने के लिए सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दी है.
• वर्तमान में भारत सरकार और चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट के पास कमराजार पोर्ट लिमिटेड में क्रमशः 67 प्रतिशत और 33 प्रतिशत शेयर हैं. जैसा कि नीति आयोग द्वारा सिफारिश की गई है, मूल्यांकन की अपनाई जाने वाली विधियों में बट्टागत नकद प्रवाह, परिसम्पत्ति मूल्यांकन और आपेक्षिक मूल्यांकन शामिल हैं.
• इससे बंदरगाहों में क्षमता सृजन का दोहराव रोकने में मदद मिलेगी. दोनों बंदरगाहों में बेहतर मानव संसाधन प्रबंधन से दोनों ही बंदरगाहों की क्षमता में बढ़ोतरी होगी. केपीएल का रणनीतिक विनिवेश लेनदेन के लिए नियुक्त सलाहकारों की मदद से दोनों कंपनियों द्वारा उचित तत्परता की प्रक्रियाओं का आयोजन करके किया जाएगा.
• यह मंजूरी इस पृष्ठभूमि में दी गई है कि चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट और कमराजार पोर्ट लिमिटेड अधिकतम व्यापार रणनीति तैयार करके समर्पित कार्गो रूपरेखा को परिभाषित करके केंद्रीत क्षेत्रों के बारे में स्पष्ट नीति तैयार करने में समर्थ होंगे.
वोडाफोन-आइडिया के 25,000 करोड़ रुपये एफडीआई जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी
• केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने दूरसंचार सेवा प्रदाता वोडाफोन-आइडिया के राइट इश्यू के जरिए 25,000 करोड़ रुपये तक का विदेशी निवेश (एफडीआई) जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. मंत्रिमंडल ने वोडाफोन आइडिया के 5,000 करोड़ से अधिक राशि के प्रस्तावित विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
• यह राशि 25,000 करोड़ रुपये तक जा सकती है. वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के निदेशक मंडल ने पिछले महीने उसके मौजूदा पात्र इक्विटी अंशधारकों को राइट इश्यू जारी कर 25,000 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी. प्रस्तावित राइट इश्यू से वोडाफोन आइडिया को भारत में रिलायंस जियो सहित अन्य दूरसंचार कंपनियों को कड़ी टक्कर देने में मदद मिलेगी.
• भारत में विदेशी निवेश की आवक से आर्थिक विकास की गति तेज होगी और इसके साथ ही नवाचार को बढ़ावा मिलेगा. दूरसंचार सेवा क्षेत्र में 100 प्रतिशत तक एफडीआई की अनुमति है, जिसके तहत 49 प्रतिशत एफडीआई स्वतः रूट या मंजूरी और 49 प्रतिशत से अधिक एफडीआई सरकारी मंजूरी के जरिये संभव है.
मंत्रिमंडल ने गैर-संचारी रोगों और ई-स्वास्थ्य हेतु विशेष अत्याधुनिक चिकित्सा सेवा कार्यक्रमों के लिए वित्तीय सहायता मंजूर दी
• प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 2551.15 करोड़ रूपये के व्यय से 2020 तक गैर-संचारी रोगों और ई-स्वास्थ्य के लिए अत्याधुनिक चिकित्सा सेवा कार्यक्रमों के कार्यान्वयन को जारी रखने की मंजूरी दे दी है.
• इन कार्यक्रमों के अंतर्गत विशेष आधुनिक चिकित्सा को और मजबूत बनाया जाएगा, ताकि मरीजों के बढ़ते बोझ से निपटा जा सके. कार्यक्रम का उद्देश्य बुनियादी ढांचा और मानव संसाधनों के संबंध में क्षमता निर्माण के जरिये इलाज के लिए विशेष आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं को मजबूती प्रदान करना है.
• आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत बनाने वाले इस कार्यक्रम का उद्देश्य कैंसर के निदान और इलाज, बुजुर्गों की देखभाल, ट्रॉमा और जलने से घायलों, मादक पदार्थों पर निर्भरता, मानसिक स्वास्थ्य और अंधापन तथा दृष्टिदोष जैसे क्षेत्रों में आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं देने के लिए सहायता प्रदान करना है.
मंत्रिमंडल ने हिरासर, राजकोट (गुजरात) स्थित नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के विकास की मंजूरी दी
• प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल के आर्थिक मामलों की समिति ने हिरासर, राजकोट (गुजरात) स्थित नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे को 1405 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से विकसित करने के लिए अपनी मंजूरी दी.
• राजकोट का यह मौजूदा हवाई अड्डा शहर के मध्य में स्थित है और केवल 236 एकड़ (अनुमानित) भूमि में बना होने के कारण यहां भूमि की बहुत कमी है. इस हवाई अड्डे के चारों ओर आवासीय और व्यापारिक भवन स्थित होने के कारण इसकी क्षमता बहुत अवरूद्ध हो गई है. हवाई अड्डे की पूर्वी दिशा में रेलवे लाइन और राजमार्ग होने के कारण रनवे का विस्तार भी संभव नहीं है.
• अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा के बाद राजकोट गुजरात राज्य का चौथा सबसे बड़ा शहर है. यह शहर गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र का केंद्र है. यह देश में 35 वां सबसे बड़ा शहरी समुदाय केंद्र है. 2015 के अनुसार इसकी जनसंख्या 1.2 मिलियन से अधिक है. यह दुनिया में 22 वां सबसे तेजी से बढ़ता हुआ शहर है. गुजरात सरकार ने नए हवाई अड्डे के लिए अपेक्षित भूमि की पहचान की है और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से नए हवाई अड्डे के विकास, परिचालन और रख-रखाव का अनुरोध किया है.
कैबिनेट ने ‘पूर्वोत्तर सड़क क्षेत्र विकास योजना’ की संशोधित लागत को स्वीकृति दी
• प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने ‘एडीबी से सहायता प्राप्त पूर्वोत्तर राज्य सड़क निवेश कार्यक्रम (एनईएसआरआईपी)’ नामक परियोजना प्रस्ताव की संशोधित लागत के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय से प्राप्त प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
• यह केंद्र द्वारा प्रायोजित एक योजना है जिसे 1353.83 करोड़ रुपये की पिछली स्वीकृत लागत के बजाय 2144.56 करोड़ रुपये की संशोधित लागत के साथ 5 वर्षों की अवधि में कार्यान्वित किया गया. यह परियोजना असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, सिक्किम एवं त्रिपुरा जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में 433.7 किलोमीटर लम्बी सड़कों (स्टेट रोड) का निर्माण/ उन्नयन/ सुधार करने से जुड़ी है. इसके साथ ही परियोजना की अवधि को अगस्त, 2022 तक बढ़ाने को भी मंजूरी दी गई है.
• एशियाई विकास बैंक (एडीबी) दो किस्तों में 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ऋण सहायता मुहैया करा रहा है. एडीबी द्वारा अक्टूबर, 2005 में सड़क संबंधी सर्वेक्षण कराया गया था जिसे यह पता चला था कि लगभग 70 प्रतिशत सड़कें खराब हालत में हैं. एडीबी ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए एसएमईसी इंटरनेशनल पीटीवाई लिमिटेड की सेवाएं लीं. यह रिपोर्ट वर्ष 2008 में पेश की गई. ‘एनईएसआरआईपी’ नामक योजना को सीसीईए ने 19 मई 2011 को मंजूरी दी थी जिसका कार्यान्वयन 5 वर्षों के अंदर किया जाना तय हुआ.
• पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय कार्यान्वयन एजेंसी है और उसे ही एडीबी एवं प्रतिभागी राज्यों के साथ समग्र समन्वय स्थापित करने और परियोजना की प्रगति की निगरानी करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. परियोजना से जुड़े प्रत्येक राज्य में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय स्तर की एक संचालन समिति एवं आंतरिक परियोजना प्रबंधन इकाई (आईपीएमयू) और राज्य स्तरीय संचालन समिति एवं परियोजना प्रबंधन इकाइयों (पीआईयू) की स्थापना की गई है.
मंत्रिमंडल ने अरुण-3 जल विद्युत परियोजना (नेपाल भाग) के ट्रांसमिशन घटक में निवेश प्रस्ताव को मंजूरी दी
• प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक समिति ने अरुण-3 जल विद्युत परियोजना (नेपाल भाग) के ट्रांसमिशन घटक के लिए जून 2017 के मूल्य स्तर पर 1236.13 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से निवेश को अपनी स्वीकृति दे दी है.
• वर्तमान स्वीकृति 400 किलोवाट डी/सी डिडिंग (नेपाल में)- बथनाहा (अंतरराष्ट्रीय सीमा) वाया धलकेबर (नेपाल में) ट्रांसमिशन लाइन के लिए है. यह ट्रांसमिशन लाइन 217 किलोवाट की है और नेपाल में अरुण-3 एचईपी से बिजली निकालने के लिए है. यह नेपाल के भूभाग के अंदर है.
• परियोजना के ट्रांसमिशन घटक के निर्माण से लगभग 400 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा. यह परियोजना नेपाल के साथ आर्थिक संपर्क को मजबूत बनाने के लिए भारत को अधिशेष विद्युत प्रदान करेगी. इस परियोजना से बिजली नेपाल के धलकेबर से भारत में मुजफ्फरपुर भेजी जाएगी.
• अरुण-3 जल विद्युत परियोजना (900 मेगावॉट) पूर्वी नेपाल के सनखुवासभा जिले में अरुण नदी पर है. इस परियोजना के अंतर्गत 70 मीटर ऊंचा गुरुत्व बांध और 11.74 किलोमीटर का हेड रेस सुरंग (एचआरटी) भूमिगत पावर हाउस के साथ नदी के बाएं किनारे पर बनाया जाएगा और प्रत्येक 4 इकाइयां 225 मेगावाट विद्युत उत्पादन करेंगी.
कैबिनेट ने कानपुर, आगरा मेट्रो रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी
• केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कानपुर और आगरा मेट्रो रेल परियोजनाओं को मंजूरी दे दी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस आशय का निर्णय किया गया. सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के तहत आईआईटी से नौबस्ता तक 23.785 किलोमीटर तक का कोरिडोर बनाया जायेगा. इसके कुछ हिस्से भूमिगत और कुछ हिस्से जमीन से ऊपर होंगे.
• कानपुर मेट्रो के 22 स्टेशन होंगे जिसमें 14 स्टेशन भूमिगत और 8 स्टेशन जमीन से ऊपर होंगे. इस परियोजना पर 11,076.48 करोड़ रूपये की लागत आयेगी. वहीं आगरा परियोजना की अनुमानित लागत 8,379.62 करोड़ रुपये आएगी. देानों शहरों की परियोजनाओं को पांच वर्ष में पूरा किया जायेगा. आगरा में मेट्रो के दो कारिडोर होंगे जो ताजमहल, आगरा किला, सिकंदरा, अंतरराज्यीय बस अड्डे, रेलवे स्टेशन,मेडिकल कालेज और अन्य को जोड़ेंगे.
यह भी पढ़ें: फरवरी 2019 के 30 महत्वपूर्ण करेंट अफेयर्स घटनाक्रम
Comments
All Comments (0)
Join the conversation