केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा संचालित भारत की सफल उजाला योजना को मेलाका, मलेशिया में लागू किया गया है. मलेशिया में इस योजना की शुरूआत मेलाका के मुख्यमंत्री दातुक सेरी उतामा इर हीज इदरिश बिन हीज हेरन ने की.
उजाला योजना भारत में ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (ईईएसएल) द्वारा चलाई जा रही है. मेलाका, मलेशिया में उजाला की (सभी के लिए सस्ती उन्नत ज्योति) के नाम से शुरूआत की गई. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 05 जनवरी, 2015 को दुनिया का सबसे बड़ा और विस्तारित एलईडी वितरण कार्यक्रम, उजाला शुरू किया.
प्रमुख तथ्य-
- इस योजना के अंतर्गत मेलाका के प्रत्येक परिवार को 9 वाट के उच्च गुणवत्ता के 10 एलईडी बल्ब केवल 10 आरएम में मिलेंगे. यह विशेष मूल्य मलेशिया के बाजार में शुरू में रखे गए मूल्य का लगभग आधा है.
- इन एलईडी बल्बों का वितरण क्षेत्र में 28 जेपरन में किया जाएगा.
- जेपरन ऐसे विशिष्ट सामुदायिक कल्याण और व्यवसायिक केन्द्र है जो मेलाका राज्य में स्थित हैं.
- विशाल और निरंतर विस्तार वाली उजाला योजना के अंतर्गत ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (ईईएसएल) की 9 वाट के करीब 10 लाख एलईडी बल्बों का वितरण करने की योजना है. जो 18 वाट के सीएफएल का स्थान लेंगे.
- यह पहल एक गैर-लाभकारी संगठन ग्रीन ग्रोथ एशिया की उपकरण संबंधी सहायता है.
- प्रत्येक बल्ब का मूल्य एलईडी बल्बों के औसत वैश्विक मूल्य से कम है जो 3-5 अमरीकी डॉलर के बीच है.
- मेलाका में उजाला योजना के अंतर्गत ईईएसएल द्वारा प्रदान किए जाने वाले प्रत्येक बल्ब की किसी भी प्रकार की तकनीकी खराबी होने पर तीन वर्ष तक मुफ्त बदलने की वारंटी है.
- भारत से भेजे जाने वाले ये बल्ब प्रमुख ब्रांडों और निर्माताओं जैसे ओसराम, फिलिप्स और अन्य प्रतिष्ठित कंपनियों के होंगे.
पर्यावरण को लाभ-
उजाला योजना से अपेक्षाओं के बारे में मेलाका, मलेशिया के मुख्यमंत्री दातुक सेरी उतामा इर हीज इदरिश बिन हीज हेरन के अनुसार भारत के शून्य सब्सिडी वाले उजाला कार्यक्रम ने उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त किया है और यह हमारे देश तक पहुंचा. इससे न केवल पर्यावरण को लाभ पहुंचेगा, बल्कि क्षेत्र में आर्थिक विकास के नए मार्ग भी खुलेंगे.
ईईएसएल में उजाला योजना के राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रबंधक राजकुमार राखड़ा के अनुसार हम सभी के लिए यह खुशी का क्षण हैं. ब्रिटेन के बाद हमने मलेशिया के बाजार में प्रवेश किया है.
पृष्ठभूमि-
इस समय भारत में उजाला योजना के अंतर्गत 25 करोड़ एलईडी बल्बों का वितरण किया जा चुका है. जिसके कारण हर वर्ष 33.828 मिलियन किलोवाट ऊर्जा की बचत हो रही है. ऊर्जा बिलों के रूप में प्रतिवर्ष 13.531 करोड़ रुपये बच रहे हैं, प्रतिवर्ष 2,74,00,887 टन कार्बनडाईऑक्साइड की कटौती हुई है.
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