भाजपा के नेतृत्व वाली NDA सरकार ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए नाम की घोषणा कर दी है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सीपी राधाकृष्णन के नाम पर मुहर लगाई है। उन्होंने कहा है कि संसदीय बोर्ड की बैठक में नए उपराष्ट्रपति के नाम के लिए सीपी राधाकृष्णन के नाम पर मुहर लगी है। सीपी राधाकृष्णन का पूरा नाम चंद्रपुरम पोनुस्वामी राधाकृष्णन है।
वह वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। इससे पहले वह झारखंड, तेलंगाना और पुडुेचरी के भी राज्यपाल रह चुके हैं। इस लेख में हम उनकी शिक्षा और राजनीतिक करियर के बारे में जानेंगे।
तमिलनाडू के रहने वाले हैं राधाकृष्णन
सीपी राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर, 1957 को तमिलनाडू के तिरप्पूर में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा वीओ चिदंबरम कॉलेज से पूरी की और यहां से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री प्राप्त की। उनकी खेलों में भी अधिक रूचि है। वह कॉलेज स्तर के टेनिस चैंपियन रहे हैं। इसके अतिरिक्त, राधाकृष्णन क्रिकेट और दौड़ में भी रूचि रखते हैं।
16 साल की उम्र से RSS से जुड़े
सीपी राधाकृष्णन ने सिर्फ 16 साल की उम्र से ही अपने करियर की शुरुआत कर ली थी। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(RSS) ज्वाइन किया। इसके बाद वह जनसंघ से भी जुड़े।
दो बार बने लोकसभा सांसद
राधाकृष्णन ने साल 1998 और 1999 में दो बार लोकसभा चुनाव जीता और कोयंबटूर से सांसद बने। हालांकि, इससे अधिक बार उन्हें चुनाव में हार भी मिली।
तमिलनाडू के मोदी के रूप में है पहचान
सीपी राधाकृष्णन दक्षिण भारत में भाजपा का प्रमुख चेहरा है। वह शुरू से ही भाजपा के साथ जुड़े रहे हैं। ऐसे में भाजपा के करीब होने की वजह से उनके समर्थक उन्हें तमिलनाडू का मोदी भी कहते हैं। वहीं, उनकी मां ने उनके नाम में राधाकृष्णन नाम पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन से प्रभावित होकर जोड़ा था, जिससे सीपी राधाकृष्णन भी एक दिन राष्ट्रपति बने।
दक्षिण भारत के पहले OBC नेता
सीपी राधाकृष्णन दक्षिण भारत से आने वाले पहले ओबीसी नेता हैं, जिन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार चुना गया है। ऐसे में उन्हें उनके समर्थकों द्वारा अधिक समर्थन प्राप्त है।
तमिलनाडू बीजीपी अध्यक्ष रहे हैं राधाकृष्णन
आपको बता दें कि सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडू बीजेपी के अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने 19000 किलोमीटर लंबी रथयात्रा भी की है, जो भारतीय नदियों के एकीकरण, आतंकवाद विरोधी अभियान, अस्पृश्यता को खत्म करने को लेकर थी। वह संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी देश के प्रतिनिधि के तौर पर भी संबोधित कर चुके हैं।
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