संयुक्त राष्ट्र ने 11 मई, 2021 को यह सूचित किया है कि वर्ष, 2022 में भारत की अर्थव्यवस्था के 10.1% की दर से बढ़ने का अनुमान है. यह देश दुनिया में सबसे तेजी से विकसित होने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था होगा. हालांकि, इस वैश्विक एजेंसी ने आगाह किया है कि वर्ष, 2021 में भारत के विकास का अनुमान लगाना अत्यधिक अस्थिर रहा क्योंकि यह महामारी का नया केंद्र रहा है.
संयुक्त राष्ट्र ने, विश्व आर्थिक स्थिति और पूर्वानुमान (WESP) के अपने मध्य-वर्ष के अद्यतन में, जो पहली बार जनवरी, 2021 में जारी किया गया था, यह अनुमान लगाया है कि वर्ष, 2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था 10.1% की दर से बढ़ेगी, भारत के लिए अपनी जनवरी की रिपोर्ट में 5.9% की वृद्धि का अनुमान लगाया है.
पूर्वानुमानित 10.1% विकास दर के साथ, भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगी, जोकि चीन से भी आगे होगी. चीन की अर्थव्यवस्था के 5.8% की दर से बढ़ने का अनुमान है और यह वर्ष, 2021 में 8.2% से बड़ी मंदी है.
The global economy is projected to expand by 5.4% this year, but growth remains fragile in many countries.
— United Nations (@UN) May 11, 2021
Equitable access to #COVID19 vaccines around the world is key for a broad-based recovery.
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भारत की आर्थिक वृद्धि के बारे में मध्य-वर्ष का अपडेट
इस मध्य-वर्ष के अद्यतन के अनुसार वर्ष, 2020 में 6.8% वृद्धि दर के अनुमान के बाद भारत वर्ष, 2021 में 7.5% की वृद्धि दर दर्ज करेगा.
जनवरी की वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशन एंड प्रॉस्पेक्ट्स रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया था कि, भारतीय अर्थव्यवस्था वर्ष, 2020 में 9.6% की दर से विकास करेगी. इसने वर्ष, 2021 में 7.3% विकास दर और वर्ष, 2022 में 5.9% GDP विकास दर का अनुमान लगाया था.
वर्ष, 2021 में भारत की वृद्धि दर बेहद रहने का है अनुमान
वर्ष, 2022 में देश के लिए सकारात्मक आर्थिक विकास का अनुमान लगाते हुए इस रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि, तरलता (फ्लूइड) की स्थिति को देखते हुए वर्ष, 2021 में देश की विकास दर का पूर्वानुमान अत्यधिक अस्थिर होगा.
इस रिपोर्ट में आगे यह बताया गया है कि, भारत COVID-19 दूसरी क्रूर लहर से विशेष रूप से प्रभावित हुआ है.
टीकाकरण पर वैश्विक प्रगति के अवलोकन में, भारत में टीकाकरण के दौरान लगाई गई खुराकों की संख्या प्रति 100 लोगों के अनुपात में 10 लोगों से कम है, जबकि अमेरिका में प्रति 100 लोगों में 68.2 अनुपात के साथ, कैरेबियाई और लैटिन अमेरिका में यह अनुपात प्रति 100 व्यक्ति पर 13.6 और रूस में 12.4 है.
अनेक देशों के लिए विकास दर का पूर्वानुमान है धूमिल: रिपोर्ट
यूनाइटेड नेशन्स द्वारा जारी मध्य वर्ष की इस रिपोर्ट में यह कहा गया है कि, दक्षिण एशिया, अफ्रीका के साथ-साथ कैरिबियन और लैटिन अमेरिका में स्थित अनेक देशों के लिए विकास दर का पूर्वानुमान काफी धूमिल है, जहां COVID-19 महामारी अभी भी काफी उग्र है.
इस मध्य-वर्ष के अपडेट में दक्षिण एशिया को सबसे कठिन क्षेत्रों में से एक के तौर पर मिली पहचान
इस मध्य-वर्ष के अद्यतन में यह उल्लिखित किया गया है कि, दक्षिण एशिया जो पहले से ही दुनिया के सबसे कठिन क्षेत्रों में से एक है, वर्ष, 2021 में कोरोना वायरस संकट का सामना कर रहा है.
इस रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि, दक्षिण एशिया क्षेत्र में आर्थिक विकास वर्ष, 2021 में घटकर 6.9% हो जाएगा, जबकि वर्ष, 2020 में यह गिरावट 5.6% थी. हालांकि, रिकवरी/ पुनरुत्थान बेहद असमान होगी और इसके प्रभाव लंबे समय तक रहेंगे.
वर्ष, 2021 में वैश्विक अर्थव्यवस्था के विस्तार का अनुमान
वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशन एंड प्रोस्पेक्ट्स मिड -2021 की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि वर्ष, 2020 में 3.6% के तीव्र संकुचन के बाद वर्ष, 2021 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 5.4% का विस्तार होने का अनुमान है. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, तेजी से टीकाकरण और मौद्रिक और राजकोषीय सहायता के उपाय जारी रहने के बीच, अमेरिका और चीन - दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं - रिकवरी की राह पर हैं.
वैक्सीन की असमान उपलब्धता से वैश्विक रिकवरी कमजोर होने का है खतरा
भले ही चीन और अमेरिका में मजबूत रिबाउंड की वजह से वैश्विक आर्थिक स्थिति में कुछ सुधार हुआ है लेकिन फिर भी, देशों और क्षेत्रों के बीच वैक्सीन असमान उपलब्धता अभी भी असमान और नाजुक वैश्विक रिकवरी के लिए महत्त्वपूर्ण खतरा पैदा करती है.
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