केंद्रीय कैबिनेट ने 3 मई 2017 को सरकारी बैंकों में एनपीए की समस्यार से निपटने के लिए बैंकिंग रेगूलेशन एक्टे में संशोधन के लिए अध्याोदेश को मंजूरी दे दी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में अध्यादेश के जरिये बैंकिंग नियमन कानून की धारा 35ए में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
इस संशोधन के बाद रिजर्व बैंक ऋण चूककर्ताओं से कर्ज की वसूली के लिए बैंकों को निर्देश जारी कर सकेगा. धारा 35ए के तहत रिजर्व बैंक को जनहित और जमाकर्ताओं के हित में बैंकों को निर्देश जारी करने का अधिकार होता है.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में एनपीए की समस्यात बढ़ती ही जा रही है, जो सरकार के लिए बड़ी चिंता है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एनपीए 6 लाख करोड़ रुपए के भारी-भरकम आंकड़े पर पहुंच चुका है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसका कोई ब्योडरा दिए बगैर कहा कि कैबिनेट ने बैंकिंग क्षेत्र के संदर्भ में कई महत्वमपूर्ण फैसले लिए हैं.
अरुण जेटली ने कहा कि इस तरह की परंपरा है कि जब किसी प्रस्ताव को राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है तो उसके ब्योरे का खुलासा उस पर मंजूरी से पहले नहीं किया जा सकता है.
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