US Elections 2024: अमेरिका में 47वें राष्ट्रपति चुनाव की चर्चा पूरे जोरों पर है, जहाँ मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक कड़े मुकाबले में आमने-सामने हैं. चुनावी वादों और राष्ट्र के बेहतर भविष्य के संकल्पों के साथ दोनों उम्मीदवार मैदान में हैं. चुनावी दिन पर करोड़ों मतदाताओं ने मतदान किया. हाल के चुनावी रुझानों को देखें तो ट्रंप हैरिस से आगे चल रहे है.
हैरिस और ट्रंप दोनों को स्विंग राज्यों से अच्छी बढ़त मिली है. दुनिया भर की नजरें इस चुनाव पर टिकी हैं, साथ ही एक संभावना ये भी है कि अगर 5 नवंबर को दोनों उम्मीदवार जीत का दावा करते हैं, तो इसका निर्णय कैसे होगा की दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश की कमान किसके हाथ में होगी.
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यदि दोनों नेता जीत का दावा करें तो क्या होगा?
अगर ऐसी स्थिति बनती है, जिसमें दोनों उम्मीदवार खुद को विजेता घोषित करें, तो यह साल 2000 के ऐतिहासिक चुनाव की याद दिलाएगा, जब फ्लोरिडा में जॉर्ज बुश और अल गोर के बीच मुकाबला इतना करीब था कि अंतर 0.1% से भी कम था.
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया बहुत ही खास है, इसमें राष्ट्रपति बनने का अंतिम निर्णय 538 सदस्यीय "इलेक्टोरल कॉलेज" द्वारा किया जाता है. हर राज्य को उस राज्य के प्रतिनिधित्व के अनुसार कुछ निश्चित "इलेक्टर्स" (निर्वाचक) मिलते हैं, जितने उनके प्रतिनिधि अमेरिकी कांग्रेस (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स और सीनेट) में होते हैं.
कैसे काम करता है इलेक्टोरल कॉलेज?
अधिकांश राज्यों में "विनर टेक्स ऑल" (Winner Takes All) की नीति लागू होती है, यानी जो उम्मीदवार राज्य में सबसे अधिक वोट प्राप्त करता है, उसे उस राज्य के सभी इलेक्टोरल वोट्स मिल जाते हैं. लेकिन, नेब्रास्का और मेन दो ऐसे राज्य हैं जो इस नीति का पालन नहीं करते. इन राज्यों में इलेक्टोरल वोट्स को विभाजित किया जा सकता है.
यदि इलेक्टोरल वोट नहीं मिले तो क्या होगा?
US Elections 2024: अगर किसी भी उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनने के लिए जरूरी 270 इलेक्टोरल वोट नहीं मिलते हैं, तो मामला अमेरिकी कांग्रेस में चला जाता है. इसके बाद "कॉन्टिंजेंट इलेक्शन" प्रक्रिया के तहत हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स अगले साल जनवरी में राष्ट्रपति का चयन करता है. इस प्रक्रिया में हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में हर राज्य को केवल एक वोट दिया जाता है, चाहे उसकी जनसंख्या कितनी भी हो.
स्पष्ट बहुमत न मिलने पर क्या होगा?
ऐसी स्थिति में अंतिम निर्णय अमेरिकी कांग्रेस के पास जा सकता है. अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव का फैसला 538 सदस्यीय इलेक्टोरल कॉलेज द्वारा किया जाता है. प्रत्येक राज्य को उसके कांग्रेस में प्रतिनिधित्व के आधार पर कुछ चुनिंदा "इलेक्टर्स" दिए जाते हैं.
अगर किसी भी उम्मीदवार को 270 इलेक्टोरल वोट्स नहीं मिलते हैं, तो अमेरिकी संविधान के तहत कांग्रेस इस मामले में हस्तक्षेप कर सकती है. यदि 2024 के चुनाव में दोनों उम्मीदवार 269-269 पर अटक जाते हैं, तो निर्णय "कॉन्टिंजेंट इलेक्शन" के तहत हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में जाता है.
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