अमेरिका ने हाल ही में परमाणु हथियारों के भंडार को सीमित करने को लेकर रूस के साथ किये गये परमाणु आयुध समझौते की अवधि पांच साल के लिए बढ़ा दी है. अमेरिका ने कहा कि यह कदम 21वीं सदी की सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने हेतु बाइडन प्रशासन के प्रयासों की शुरुआत है.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने समझौते की अवधि समाप्त होने से एक दिन पहले कहा कि अमेरिका इसका विस्तार कर रहा है. ब्लिंकेन ने एक बयान में कहा कि आज, अमेरिका ने उस संकल्प को बेहतर बनाने की दिशा में पहला कदम उठाया और रूसी परिसंघ के साथ किये गये समझौते को पांच साल के लिए बढ़ा दिया.
उद्देश्य
इस संधि का मुख्य उद्देश्य परमाणु हथियारों की होड़ में रोक लगाना था. रूस की संसद के दोनों सदनों ने पांच साल के लिए ‘न्यू स्टार्ट संधि’ के विस्तार के लिए मंजूरी दे दी है. हालांकि विस्तार के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में कांग्रेस की मंजूरी की जरूरत नहीं है. दोनों देशों की तरफ से संधि का विस्तार करने से दुनिया में परमाणु हथियारों को सीमित रखने के द्विदलीय प्रयास से अन्य देश भी प्रभावित होंगे.
इस संधि से चीन पूरी तरह से बाहर
अमेरिका और रूस न्यू स्टार्ट संधि के लिए राजी हो गए हैं. इस संधि के तहत दोनों देश साल 2026 तक न केवल अपने परमाणु हथियारों के विस्तार बल्कि हथियारों की होड़ को भी प्रतिबंधित करेंगे. इस संधि से चीन पूरी तरह से बाहर है. इस संधि उसके सैन्य और परमाणु क्षमता के विकास पर कोई असर नहीं होगा.
न्यू स्टार्ट संधि के बारे में
नई सामरिक शस्त्र न्यूनीकरण संधि (Strategic Arms Reduction Treaty) संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस के बीच सामरिक हथियारों में कमी लाने तथा उन्हें सीमित करने संबंधी एक संधि है. यह संधि 05 फरवरी 2011 को लागू हुई थी. यह नई स्टार्ट संधि शीत युद्ध के अंत में वर्ष 1991 में हुई स्टार्ट संधि की अनुवर्ती है. साल 1991 की संधि दोनों पक्षों के लिये रणनीतिक परमाणु वितरण वाहनों की संख्या को 1,600 और वारहेड्स की संख्या को 6,000 तक सीमित करती है.
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