केंद्र सरकार की ओर से सरकारी कर्मचारियों के लिए चाइल्ड केयर लीव (Child Care Leave) को लेकर एक बड़ी अपडेट आई है. हाल ही में लोकसभा में केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि महिला और पुरुष सरकारी कर्मचारी 730 दिनों की चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) के पात्र है.
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक लिखित उत्तर में लोकसभा में बताया कि महिला और एकल पुरुष सरकारी कर्मचारी 18 वर्ष की आयु तक के दो सबसे बड़े बच्चों की देखभाल के लिए 730 दिनों की चाइल्ड केयर लीव का लाभ उठा सकते है.
#CivilServices | Female Government servants and single male government servants appointed to the civil services and posts in connection with affairs of the Union are eligible for child care leave of 730 days. pic.twitter.com/BPIqws3Yhr
— DD News (@DDNewslive) August 9, 2023
महिला कर्मचारियों के लिए क्या है नियम?
संघ के मामलों के संबंध में सिविल सेवाओं और पदों पर नियुक्त महिला सरकारी कर्मचारी केंद्रीय सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 1972 के नियम 43-C के तहत चाइल्ड केयर लीव (CCL) के लिए पात्र होंगी.
1. 18 वर्ष की आयु तक दो सबसे बड़े जीवित बच्चों की देखभाल के लिए पूरी सेवा के दौरान अधिकतम 730 दिनों की चाइल्ड केयर लीव का लाभ उठा सकती है.
2. दिव्यांग (Disabled) बच्चे के मामले में कोई आयु सीमा नहीं है.
3. एक कैलेंडर वर्ष में तीन से अधिक फेज के लिए नहीं.
4. इन नियमों के तहत,एकल महिला कर्मचारी के मामले में, सीसीएल को एक कैलेंडर वर्ष में तीन के बजाय छह बार तक बढ़ाया जा सकता है.
मैटरनिटी लीव का क्या है प्रावधान?
केंद्र सरकार की महिला कर्मचारी गर्भावस्था के दौरान 180 दिनों तक मातृत्व अवकाश (Maternity leave) की पात्र होंगी. वहीं गर्भपात (Abortion or Miscarriage) के मामले में कर्मचारी की पूरी सेवा के दौरान 45 दिनों के अवकाश की हकदार होंगी.
पुरुष कर्मचारियों के लिए क्या है नियम:
पुरुष कर्मचारी भी अपनी पत्नी के प्रसव (Delivery) के बाद रिकवर होने तक दो से अधिक बच्चों के लिए 15 दिनों तक के पटेर्निटी लीव (Paternity leave) के हकदार हैं. साथ ही एक वर्ष से कम उम्र के बच्चे को गोद लेने के मामले में एक पुरुष कर्मचारी दो से अधिक जीवित बच्चों के लिए इस छुट्टी का लाभ उठा सकते है.
प्रोबेशन पीरियड में क्या है नियम?
केंद्रीय सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 1972 के नियम 43-C (3) के अनुसार, सीसीएल आमतौर पर प्रोबेशन पीरियड (Probation period) के दौरान प्रदान नहीं की जाएगी. अत्यंत कठिन स्थितियों को छोड़कर जहां छुट्टी मंजूरी देने वाला प्राधिकारी प्रोबेशनर की सीसीएल की आवश्यकता के बारे में संतुष्ट है, बशर्ते कि वह अवधि जिसके लिए ऐसी छुट्टी है स्वीकृत न्यूनतम है.
नियम 43-सी के अनुसार, अधिकार के रूप में सीसीएल की मांग नहीं की जा सकती है और किसी भी परिस्थिति में कोई भी कर्मचारी पूर्व अनुमोदन के बिना सीसीएल पर आगे नहीं बढ़ सकता है.
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