पाकिस्तनी अख़बार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, हिंदू समुदाय की सदस्य डॉ. सवीरा प्रकाश (saveera parkash) पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा के बुनेर जिले से देश के आगामी आम चुनावों में सामान्य सीट से नामांकन करने वाली पहली हिन्दू महिला बन गयी है.
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय से आम चुनाव के लिये नामांकन करने वाली वह बुनेर जिले की पहली महिला है. सवीरा के पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली है. उनके पिता ओम प्रकाश, एक सेवानिवृत्त डॉक्टर है जो पिछले 35 वर्षों से पार्टी के लिए काम कर रहे थे.
बुनेर से नामांकन करने वाली पहली महिला:
एक स्थानीय नेता सलीम खान ने पाकिस्तानी अखबार द डॉन से बात करते हुए बताया कि सवीरा बुनेर से सामान्य सीट पर आगामी चुनाव के लिए नामांकन पत्र जमा करने वाली पहली महिला हैं. सवीरा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि "मानवता की सेवा करना" उनके खून में है और उन्होंने सरकारी अस्पतालों में खराब प्रबंधन और असहायता के अपने प्रत्यक्ष अनुभवों के बाद राजनीति में आने का फैसला किया.
8 फरवरी को होगी वोटिंग:
पाकिस्तान में 16वीं नेशनल असेंबली के सदस्यों को चुने जाने के लिए 8 फरवरी को वोटिंग होनी है. प्रकाश पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रही है. उन्होंने पिछले हफ्ते बुनेर जिले में पीके -25 की सामान्य सीट से आधिकारिक तौर पर अपना नामांकन पत्र जमा किया था.
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) के हालिया संशोधनों में सामान्य सीटों पर पांच प्रतिशत महिला उम्मीदवारों को शामिल करना अनिवार्य कर दिया है.
कौन है डॉ. सवीरा प्रकाश?
सवीरा प्रकाश हिंदू समुदाय की एक मेडिकल डॉक्टर हैं. उनके पिता ओम प्रकाश भी इसी पेशे से जुड़े हुए थे. उनके पिता पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सक्रिय सदस्य भी रहे है. पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए सवीरा ने भी राजनीति में आने का फैसला किया है.
साल 2022 में एबटाबाद इंटरनेशनल मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की पढाई करने वाली सवीरा बुनेर में पीपीपी महिला विंग की महासचिव है. उन्होंने अपने इस फैसले के पीछे समुदाय के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई साथ ही महिलाओं की बेहतरी के लिए काम करने की बात कही.
साल 2018 में सीनेट के लिए चुनी गयी थी कृष्णा:
द क्विंट की रिपोर्ट की मानें तो कृष्णा कुमारी कोहली साल 2018 में पाकिस्तान की सीनेट में महिला आरक्षित सीट जीतने वाली पहली गैर-मुस्लिम महिला बनीं थी. उसी वर्ष, राधा भील और लेलन लोहार, दोनों हिंदू दलित महिलाएं, सिंध जिले के मीरपुर खास में निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ीं.
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