विश्व एड्स दिवस 1 दिसंबर 2016 को पूरी विश्व में मनाया गया. इस वर्ष का विषय था: हैंड्स अप फॉर # एचआईवी प्रिवेंशन. यह दिन इस जानलेवा रोग के बारे में जागरूकता फैलाने का अवसर प्रदान करता है और एचआईवी तथा एड्स की रोकथाम, उपचार और देखभाल को बढ़ावा देता है.
इस दिवस को मनाने का मकसद है सरकारों एवं स्वास्थ्य अधिकारियों, स्वयं सेवी संगठनों एवं लोगों को एड्स से बचाव और उसके इलाज को संबोधित करने की आवश्यकता को रेखांकित करना.
विश्व एड्स दिवस के हिस्से के तौर पर, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने यह कहते हुए कि 15 वर्ष के बच्चों के बीच संक्रमण को रोकना अधिक जरूरी है अधिक निवेश एवं बच्चों तक उपचार की पहुंच बढ़ाने पर जोर दिया.
विश्व एड्स दिवस के बारे में:
• विश्व एड्स दिवस का विचार वर्ष 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन में कार्यरत ग्लोबल प्रोग्राम ऑन एड्स के सूचना अधिकारियों जेम्स बन तथा थॉमस नीटर का था.
• एचआईवी और एड्स का इतिहास वर्ष 1981 में अमेरिका में शुरु हुआ जब देश में यह नई बीमारी कुछ समलैंगिक पुरुषों में पाई गई.
• हालांकि मूल रूप से यह स्वीकार किया गया है कि एचआईवी का मूल अफ्रीका में है तथा अमेरिका पहला देश था जिसने इस वायरस के बारे में लोगों को बताया.
• पहला विश्व एड्स दिवस वर्ष 1988 में आयोजित किया गया था और वह पहला वैश्विक स्वास्थ्य दिवस था.
• विश्व एड्स दिवस पूरी विश्व के लोगों को एचआईवी के विरुद्ध जंग में एकजुट होने का अवसर प्रदान करने, एचआईवी संक्रमित लोगों को अपना समर्थन दर्शाने तथा इस बीमारी से मारे गए लोगों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए प्रत्येक वर्ष 1 दिसंबर को मनाया जाता हैं.
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