23 जून: अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस
अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस 23 जून 2014 को दुनिया भर में मनाया गया. सभी उम्र, क्षेत्र और संस्कृति की विधवाओं की स्थिति को विशेष पहचान देने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 23 जून 2011 को पहली बार अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस की घोषणा की जो प्रतिवर्ष मनाया जाएगा.
विधवाओं और उनके बच्चों से दुर्व्यवहार मानव अधिकारों का सबसे गंभीर उल्लंघन और आज के विकास में सबसे बड़ी बाधाओं में से एक है. दुनिया की लाखों विधवाओं को गरीबी, बहिष्कार, हिंसा, बेघर, बीमार स्वास्थ्य जैसी समस्याएं और कानून व कस्टम में भेदभाव सहना करती है. एक अनुमान के अनुसार 115 मिलियन विधवाएं गरीबी में रहती हैं और 81 मिलियन शारीरिक शोषण का सामना करती हैं. कुछ 40 मिलियन विधवाएं भारत में और 15000 विधवाएं पवित्र शहर वृंदावन की सड़कों पर अकेले रहती हैं.
विधवा संरक्षण विधेयक
सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने हाल ही में भारत में विधवाओं के संरक्षण के लिए एक विधेयक का मसौदा तैयार किया. संसद के बजट सत्र में वृंदावन में रहने वाली हजारों विधवाओं की साहयता के लिए एक विधवा संरक्षण विधेयक को बनाने की इच्छा व्यक्त की गई.

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