अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने हब्बल अंतरिक्ष दूरबीन की सहायता से नीले-हरे ग्रह नेपच्यून के आसपास एक नए छोटे चंद्रमा की खोज की. इसका नाम एस/2004 एन 1 (S/2004 N 1) रखा गया. यह नेपच्यून का 14वां चंद्रमा है.
हब्बल अंतरिक्ष दूरबीन से मिले विवरण के अनुसार 12 मील की परिधि का यह चंद्रमा नेपच्यून ग्रह से 65400 मील की दूरी पर स्थित है. जिस नए चंद्रमा का पता लगा है, उसके बारे में माना जाता है कि वह प्रत्येक 23 घंटे में नेपच्यून के चारों ओर घूमता है. नासा ने यह जानकारी 15 जुलाई 2013 को दी.
नेपच्यून ग्रह
नेपच्यून ग्रह सूर्य से सबसे ज्यादा दूरी पर स्थित है, यह हमारे सौर मण्डल में सूर्य से 8वां ग्रह है. व्यास के आधार पर यह सौर मण्डल का चौथा बड़ा और द्रव्यमान के आधार पर तीसरा बड़ा ग्रह है. नेपच्यून का द्रव्यमान पृथ्वी से 17 गुना अधिक है और अपने पड़ौसी ग्रह युरेनस से थोड़ा अधिक है. खगोलीय इकाई के हिसाब से नेपच्यून की कक्षा सूरज से 30.1 खई की औसत दूरी पर है, नेपच्यून पृथ्वी के मुक़ाबले में सूरज से लगभग 30 गुना अधिक दूर है. नेपच्यून को सूरज की एक पूरी परिक्रमा करने में 164.79 वर्ष लगते हैं.
नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा)
नासा संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार की शाखा है जो देश के सार्वजनिक अंतरिक्ष कार्यक्रमों व एरोनॉटिक्स व एरोस्पेस संशोधन हेतु जिम्मेदार है. नासा का गठन नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस अधिनियम के अंतर्गत 19 जुलाई 1958 में इसके पूर्वाधिकारी संस्था नेशनल एडवाइज़री कमिटी फॉर एरोनॉटिक्स (एनसीए) के स्थान पर किया गया था. इस संस्था ने 1 अक्टूबर 1958 से कार्य करना शुरू किया था.
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