असम राज्य विधानसभा ने 13 अगस्त 2015 को असम विच हंटिंग (निषेध, रोकथाम और संरक्षण) बिल 2015 पारित किया. इस बिल को महिलाओं को डायन कहकर प्रताड़ित करने के मामलों पर रोक लगाने हेतु पारित किया गया है.
राज्य में डायन के नाम पर प्रताड़ना एवं हत्या के सैंकड़ों केस दर्ज किये जा चुके हैं.
विधेयक की मुख्य विशेषताएं
इसके अनुसार डायन के नाम पर प्रताड़ित किये जाने वाले सभी मामले गैर जमानती होंगे, यह मामले संज्ञेय तथा नॉन-कोग्नीज़ेबल श्रेणी के होंगे.
यह विधेयक किसी व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को किसी भी प्रकार से डायन के नाम से संबोधित अथवा उसे किसी अन्य संकेत से लक्षित अथवा बदनाम करने से निषेध करता है.
विधेयक के प्रावधान के अनुसार यदि कोई इसकी अवमानना करता है तो उसे सात वर्ष की जेल अथवा 5 लाख रूपए जुर्माना देना होगा.
विधेयक के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य को क्षेत्र में सूखा, बाढ़, बीमारी या किसी भी मौत के लिए दोषी समझता है तो उसे 3 वर्ष के लिए कारावास की सज़ा दी जाएगी.
संबंधित अपराधों की सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय के परामर्श से विशेष अदालतों के गठन का प्रस्ताव दिया गया है.
इस अपराध से पीड़ित लोगों को असम सरकार विशेष निशुल्क चिकित्सा सुविधा मुहैया कराएगी.
यह विधेयक मानसून सत्र के पहले दिन 10 अगस्त 2015 को असम विधानसभा के सम्मुख रखा गया. विधेयक मुख्यमंत्री तरुण गोगोई की ओर से संसदीय कार्य मंत्री रकीबुल हुसैन द्वारा पेश किया गया.
Now get latest Current Affairs on mobile, Download # 1 Current Affairs App
Comments
All Comments (0)
Join the conversation