भारतीय ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) ने 21 मई 2015 को रिपोर्ट में बताया कि भारत में 3 बिलियन वर्गफीट से ज्यादा क्षेत्रफल में ग्रीन बिल्डिंग परियोजनाएं पंजीकृत हो चुकी हैं. इस उपलब्धि के साथ विश्व ग्रीन बिल्डिंग फुटप्रिंट में भारत दूसरे स्थान पर पहुंच गया है. आईजीबीसी का लक्ष्य वर्ष 2022 तक 10 बिलियन वर्गफीट क्षेत्र में रोपण करना है. आईजीबीसी औद्योगिक संस्था कान्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) का एक भाग है, जो भारत में ग्रीन बिल्डिंग अभियान को प्रोत्साहित करने का कार्य करता है.
इस महत्वपूर्ण प्रगति का अहम कारण यह है कि स्टेकहोल्डर्स को यह अहसास हो चुका है कि ग्रीन बिल्डिंग एक अच्छी व्यापारिक समझ साबित हो सकती है.ग्रीन बिल्डिंग वह है, जिसमें पानी का कम इस्तेमाल, ऊर्जा क्षमता का सही उपयोग, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, कम कचरा उत्पादन और रहने वालों को एक पारंपरिक बिल्डिंग की तुलना में अधिक स्वास्थवर्द्धक माहौल मिलता है. रिहायशी बिल्डिंग क्षेत्र भारत में बिजली की खपत करने वाला सबसे बड़ा क्षेत्र है. बढ़ते शहरीकरण और आबादी के कारण इमारतों में बिजली की खपत में वृद्धि हो रही है.
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