इतिहासकार और लेखक बाबासाहेब पुरंदरे को वर्ष 2015 के महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से 19 अगस्त 2015 को सम्मानित किया गया.
मुंबई के राजभवन में आयोजित एक समारोह में महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने मुंबई के राजभवन में आयोजित एक समारोह में बाबासाहेब पुरंदरे को साहित्य की श्रेणी में यह पुरस्कार प्रदान किया. बाबासाहेब पुरंदरे को 10 लाख रुपए, मानपत्र और स्मृति चिह्न देकर ‘महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया.
उन्हें 16वीं सदी के महान मराठा राजा छत्रपति शिवाजी पर पहले ऐतिहासिक कार्य लेखन के लिए जाना जाता है. बाबासाहेब पुरंदरे शिव साहिर और शिवाजी के कवि के नाम से मशहूर है.
शिवाजी पर आधारित उनका नाटक ‘जाणता राजा’ काफ़ी मशहूर है. मूल रूप से मराठी में लिखे इस नाटक का हिंदी में भी अनुवाद हुआ है. उन्होंने शिवाजी पर ‘राजा शिव छत्रपति’ नाम की किताब लिखीं. उनके नाटक ‘जाणता राजा’ का 850 से अधिक बार प्रदर्शन किया गया. इस नाटक का प्रदर्शन भारत के साथ-साथ अमेरिका में भी किया गया.
बाबासाहब पुरंदरे के बारे में
बाबासाहब पुरंदरे का जन्म 29 जुलाई 1922 को पुणे में हुआ था. उन्होंने 17 वर्ष की उम्र में शिवाजी के जीवन पर कहानियाँ लिखीं. ये कहानियाँ ‘ठिणग्या’ (चिंगारियां) नाम की किताब के रूप में छपीं. शिवाजी पर आधारित उनका नाटक ‘जाणता राजा’ काफ़ी मशहूर है. मूल रूप से मराठी में लिखे इस नाटक का हिंदी में भी अनुवाद हुआ है.
महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार
- महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार वर्ष 1995 में स्थापित महाराष्ट्र राज्य का सबसे बड़ा पुरुस्कार है.
- पहला महाराष्ट्र भूषण पुरुस्कार वर्ष 1996 में पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे को प्रदान किया गया.
- यह पुरस्कार साहित्य, कला, खेल, विज्ञान, समाज सेवा, पत्रकारिता. लोक प्रशासन, स्वास्थ्य कार्य क्षेत्रो में विशेष योगदान के लिए दिया जाता है.
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