नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की अनुशंसा पर सार्वजनिक उद्यम विभाग द्वारा 2 जून 2015 को भारतीय अक्षय उर्जा विकास संस्थान समिति(इरेडा) को मिनी रत्ना श्रेणी एक का दर्जा प्रदान किया गया.
इस दर्जे के परिणामस्वरुप इरेडा को सार्वजानिक उद्यम विभाग के दिशानिर्देशों के तहत अधिक वित्तीय स्वायत्ता के साथ अतिरिक्त अधिकार प्राप्त हो सकेंगे.
इरेडा के बारे में
इरेडा केंद्र सरकार का सार्वजनिक उपक्रम है जो की नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है.
• भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्थाि सीमित की स्था पना कंपनी अधिनिमय, 1956 के अंतर्गत पब्लिक लिमिटेड सरकारी कंपनी के रूप में 11 मार्च, 1987 में की गई है और यह अक्षय ऊर्जा एवं ऊर्जा दक्षता/संरक्षण परियोजनाओं को बढ़ावा देती है, विकसित करती है और उनके लिए वित्ती्य सहायता प्रदान करती है।
• इरेडा को कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 4’ए’ के अधीन ‘’सार्वजनिक वित्तीय संस्थान’’ के रूप में अधिसूचित किया गया है तथा भारतीय रिजर्व बैंक में गैर बैंकिंग (एनएफबीसी) के रूप में पंजीकृत किया गया है।
• इरेडा का मिशन ‘’सतत विकास के लिए अक्षय स्रोतों, ऊर्जा दक्षता एवं पर्यावरणीय प्रौद्योगिकियों से ऊर्जा उत्पाादन में स्वत-सतत निवेश को बढ़ावा देने और वित्तरपोषण के लिए अग्रणी, भागदार हितैषी एवं प्रतियोगी संस्थाप होना है।‘’
• इरेडा का लक्ष्य ‘’शाश्वत ऊर्जा’’ है.
मिनी रत्न श्रेणी एक के लिए अनिवार्य शर्तें
• उपक्रम ने पिछले तीन वर्षों के लिए लगातार लाभ प्राप्त किया हो या तीन वर्षों में से किसी एक वर्ष में 30 करोड़ रुपए से अधिक का लाभ अर्जित किया हो.
मिनी रत्न श्रेणी के लाभ
• 500 करोड़ तक के निवेश के लिए सरकार से अनुमति आवश्यक नहीं.
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