अखिलेश सरकार ने 10 फरवरी 2016 से न्यू रेवेन्यू कोड-2016 लागू कर दिया. इसके लागू होने के साथ ही 1901 का भू राजस्व अधिनियम खत्म हो गया. इस अधिनियम में राजस्व विभाग की 234 धाराओं और 16 अध्यायों में संशोधन कर राजस्व से संबंधित नियमों की कठिनाइयों को आसान किया गया.
क्या फायदे होंगे नई राजस्वा संहिता से-
- नई राजस्व संहिता का फायदा दलितों और किसानों को होगा.
- दलित अब किसी को भी अपनी जमीन बेच सकेंगे.
- इसके लिए तीन शर्तें सरकार की ओर से लागू की गई हैं-
- पहली शर्त- जमीन बेचने वाला दूसरी जगह बस गया हो.
- दूसरी शर्त- वह किसी जानलेवा रोग से पीड़ित हो.
- तीसरी शर्त- कोई उसका उत्तराधिकारी न हो.
- इसके बाद किसानों को कोर्ट के ज्यादा चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.
- 10 फरवरी को कैबिनेट की मीटिंग कैंसिल होने के बाद शाम को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में इसे मंजूरी दी गई.
- नई राजस्व संहिता के तहत अब राजस्व कोर्ट में नए दायर होने वाले केसों की सुनवाई की जाएगी.
- संशोधित राजस्व संहिता प्रभावी होने के बाद कोई अशक्त व्यक्ति अपनी कृषि भूमि का दूसरे के नाम पट्टा भी कर सकता है.
- इसके अलावा ठियाबंदी के बाद लगाए सुरक्षा चिन्हों की रखवाली और उनकी हिफाजत करना भूमि स्वामी की ही जिम्मेदारी होगी.
- हदबंदी और आपसी बंटवारे के लिए अब तहसील स्तरीय कोर्ट के ज्यादा चक्कर नहीं लगाने होंगे.
- यही नहीं लंबे समय तक अंतिम आदेश जारी होने का इंतजार भी नहीं करना होगा. दूसरी ओर कोर्ट में ऐसे मामलों का राजस्व कोर्ट द्वारा जल्द से जल्द निस्तारण किया जाएगा.
- निजी भूमि की पैमाइश कराना भी आसान हो जाएगा.
- कोई भी भूमिधर एक हजार रुपए जमा कर अपनी भूमि की पैमाइश करा सकेगा.
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