तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने 25 मई 2014 को चेन्नई से करीब 55 किलोमीटर दूर चिन्नापुलीयुर गांव में पलार बेसिन का पहला कुंआ खोदने का काम शुरु कर दिया.
अब तक, ओएनजीसी ने भारत के सात तलछटी घाटियों में से छह का पता लगाया है और पलार बेसिन सातवां है. पलार बेसिन 1800 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है और यह कृष्णा– गोदावरी और कावेरी बेसिन के बीच में है.
पलार बेसिन का ब्लॉक पीआर– ओएनएन– 2005/1 जहां चेन्नापुलियुर गांव स्थित है, में ओएनजीसी और टाटा पेट्रोडाइन लिमिटेड (टीपीएल) मिलकर काम कर रहे हैं. इस ब्लॉक में टीपीएल की 20 फीसदी हिस्सेदारी है.
पलार बेसिन में खुदाई करने की योजना भूकंपीय सर्वेक्षण के परिणामों के बाद बनाई गई जिसमें इस इलाके में हाइड्रोकार्बन के महत्वपूर्ण स्रोत मिलने की संभावना नजर आई थी.
फिलहाल, ओएनजीसी एक वर्ष में 52 मिलियन टन तेल एवं गैस का उत्पादन करती है औऱ साल 2030 तक उसका लक्ष्य अपनी उत्पादन क्षमता दुगुनी करने का है.
• निदेशक (अन्वेषण) ओएनजीसी– नरेन्द्र के. वर्मा
• कार्यकार निदेशक और बेसिन प्रबंधक, कावेरी, ओएनजीसी– बी एस जोसयुलु
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